भारत में एचआईवी संक्रमण: 2010 से मामलों में भारी गिरावट।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में 2010 से 2024 के बीच एचआइवी संक्रमण के मामलों में 48.7 प्रतिशत और एड्स से संबंधित मौतों में 81.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सरकार ने यह आंकड़ा जारी किया है।
इन आंकड़ों से यह भी पता चला है कि माताओं से बच्चों में एचआइवी संक्रमण के मामलों में 74.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। भारत एचआइवी अनुमान 2025 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एचआइवी महामारी राष्ट्रीय स्तर पर कम बनी हुई है, और नए संक्रमण तथा एड्स से संबंधित मौतें वैश्विक औसत की तुलना में तेजी से घट रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
लापरवाह यौन व्यवहार के कारण संक्रमण में बढ़ोतरी
इसके बावजूद, कुछ राज्यों में संभवत: टीके के जरिए नशीली दवाओं के उपयोग और लापरवाह यौन व्यवहार के कारण संक्रमण में बढ़ोतरी देखी जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2030 तक एचआईवी-एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने के सतत विकास लक्ष्य 3.3 को प्राप्त करने की राह पर है।
2024 में भारत में एचआइवी से पीडि़त लगभग 25.61 लाख लोग हैं। इनमें महाराष्ट्र में सबसे अधिक 3.99 लाख मरीज हैं। आंध्र प्रदेश में 3.10 लाख और कर्नाटक में 2.91 लाख लोग प्रमुख रूप से प्रभावित हैं। कुल संक्रमितों में 13.97 लाख पुरुष और 11.64 लाख महिलाएं हैं।
इन राज्यों में एक से दो लाख एचआईवी के मामले दर्ज
उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार, गुजरात और पंजाब में एक लाख से दो लाख एचआइवी के मामले दर्ज किए गए हैं। इन नौ राज्यों में देश के कुल एचआइवी रोगियों का 74 प्रतिशत हिस्सा है। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर मिजोरम स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की परियोजना निदेशक जेन आर राल्टे ने बताया कि अब तक राज्य में 33,641 लोग एचआइवी से संक्रमित हो चुके हैं।
भारत में नए एचआइवी संक्रमण में गिरावट: नड्डा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सोमवार को कहा कि भारत में नए एचआइवी संक्रमण और एड्स से संबंधित मौतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जो वैश्विक औसत से अधिक है। नड्डा ने दिल्ली में विज्ञान भवन में विश्व एड्स दिवस के राष्ट्रीय समारोह का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की।
उन्होंने एड्स को एक जन स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि यह दिन भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने, अतीत के सबक पर विचार करने और वर्तमान एवं भविष्य के लिए प्रभावी रणनीतियां अपनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। |