प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। मंडल में धान की खरीद की प्रगति तो ठीक चल रही है, लेकिन एफआरके (फोर्टिफाइड राइस कर्नेल) की आपूर्ति बहुत कम होने से क्रय केंद्रों और मंडियों से धान का उठान प्रभावित हो रहा है। हरियाणा की कंपनी को 500 मीट्रिक टन एफआरके आपूर्ति का ठेका दिया गया है, लेकिन अभी तक महज 5.75 प्रतिशत की आपूर्ति दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पर्याप्त एफआरके नहीं मिल पाने से खरीद पर भी असर पड़ रहा है। इसे फर्म की लापरवाही मानते हुए क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) डा. मड़िकंडन ए ने कंपनी की 2.78 लाख रुपये की जमानत राशि जब्त कर ली है। चेतावनी दी है कि एफआरके आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो फर्म को डिबार कर ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा।
एफआरके का ठेका हरियाणा, रोहतक और मध्य प्रदेश की कंपनियों को दिया गया है। एफआरके की आवश्यकता राइस मिलर्स को पड़ती है। एक क्विंटल चावल में एक किलो एफआरके मिलने के बाद वह चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए तैयार हो जाता है। पंचकुला, हरियाणा की कंपनी फ्रेश एग्रो फूड को 500 एमटी एफआरके आपूर्ति का ठेका दिया गया है। दो महीने में कंपनी ने 28.75 एमटी एफआरके की ही आपूर्ति दी है।
उपलब्धता कम होने से क्रय केंद्रों और मंडियों से धान का उठान नहीं हो पा रहा है। पिछले दिनों सदर मंडी समिति के क्रय केंद्रों पर पांच दिन तक खरीद बंद रखनी पड़ी थी। तब अधिकारियों ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक भाग दौड़ की थी। मध्य प्रदेश और रोहतक की कंपनियों से एफआरके की आपूर्ति मिलने लगी है, लेकिन हरियाणा की कंपनी से बहुत कम एफआरके मिल पाया है। इसकी वजह से अब भी मंडियों से लेकर क्रय केंद्रों तक खरीदे गए धान के ढ़ेर लगे हुए हैं।
इसे कंपनी की लापरवाही मानते हुए संभागीय खाद्य नियंत्रक ने फर्म को दंडित करते हुए बैंक गारंटी की धनराशि 2,78,437 रुपये जब्त कर लिया है। आरएफसी डा. मड़िकंडन ए ने बताया कि अभी तो सिर्फ जमानत राशि जब्त कर कंपनी को चेतावनी दी गई है, एफआरके आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो फर्म को डिबार कर ब्लैकलिस्टेड कर दिया जाएगा। |