डीए, डीआर को बेसिक-पे पर सरकार का बड़ा बयान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि केंद्रीय कर्मियों के महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन के साथ मिलाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। आठवें वेतन आयोग को लेकर अटकलों के बीच लोकसभा में सोमवार को लिखित प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कर्मचारी संघ ने मूल वेतन के साथ 50 प्रतिशत डीए के विलय की मांग की है।इस बीच, सरकार ने एक्स पर पोस्ट कर उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि और भविष्य के वेतन आयोग के लाभ नहीं मिलेंगे।
15 भगोड़े पर बैंकों का 58 हजार करोड़ रुपये बकाया
पीटीआई के अनुसार राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में संसद को बताया कि विजय माल्या और नीरव मोदी समेत 15 व्यक्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया गया है।
इन भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर बैंकों का 58 हजार करोड़ रुपये बकाया है। 31 अक्टूबर तक विशेष अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित 15 लोगों में से नौ व्यक्ति सरकारी बैंकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े हैं। दो भगोड़े आर्थिक अपराधियों ने ऋण निपटान पर बातचीत की है।
बैंकों के विलय का कोई प्रस्ताव नहीं
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में चौधरी ने कहा कि इस समय सरकारी बैंकों के विलय का कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है। अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआइ) की सीमा क्रमश: 20 प्रतिशत और 74 प्रतिशत है। मंत्री ने यह भी कहा कि आइडीबीआइ बैंक का विनिवेश आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की स्वीकृति के अनुसार किया जाएगा।
सीसीईए ने पांच मई 2021 को आइडीबीआइ बैंक लिमिटेड में रणनीतिक विनिवेश के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में चौधरी ने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की वित्तीय स्थिति हाल के वर्षों में सुधरी है।
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ) |