कामकाजी कौशल का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा
विवेक राव, जागरण, लखनऊ: विदेश में रोजगार पाने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। श्रम और सेवायोजन विभाग अब ऐसी योजना लागू करने जा रहा है, जिसके तहत विदेश जाने वाले स्किल्ड वर्कर्स (कुशल श्रमिकों) को विदेशी भाषा और कामकाजी कौशल का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्देश्य यह है कि विदेश पहुंचने के बाद युवाओं को भाषा संबंधी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े और वे अपने काम को बेहतर तरीके से कर सकें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विभाग जल्द ही इसके लिए केएमसी भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ से एमओयू करने की तैयारी कर रहा है, ताकि युवाओं को जापानी, जर्मन, हिब्रू (इजरायल) और रूसी जैसी भाषाओं का बुनियादी प्रशिक्षण आसानी से मिल सके। इसके अलावा जर्मनी और जापान में नर्सिंग की मांग को देखते हुए नर्सिंग एसोसिएशन ग्रेटर नोएडा से भी एमओयू करने जा रहा है। इसके माध्यम से नर्सिंग क्षेत्र में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके साथ ही कुछ अन्य संस्थानों से उन्हें कामकाजी कौशल जैसे मशीन संचालन, निर्माण क्षेत्र की तकनीकी जानकारी, इलेक्ट्रिकल-मैकेनिकल स्किल्स और हेल्थकेयर से जुड़े बेसिक कौशल का प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।
श्रम विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शनमुघा सुंदरम का कहना है कि इजरायल, जापान, जर्मनी, रूस और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में उत्तर प्रदेश के श्रमिकों की लगातार अच्छी मांग है। ऐसे में भाषा और कामकाजी दक्षता बढ़ने से वहां रोजगार पाने में आसानी होगी और युवाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। कौशल के साथ विदेशी भाषा सीखने के बाद प्रदेश के युवा विदेश में बेहतर संवाद कर पाएंगे और कार्यस्थल पर भाषाई अड़चनें कम होंगी। इस पहल से युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर खुलेंगे और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी। विभाग की ओर से जल्द ही प्रशिक्षण माड्यूल तैयार किए जाएंगे और पात्र युवाओं का चयन शुरू किया जाएगा।
इस योजना से प्रदेश के हजारों युवाओं को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है। यह पहल न केवल रोजगार को बढ़ावा देगी बल्कि प्रदेश को वैश्विक श्रम बाजार में और मजबूत स्थिति दिलाने में भी मदद करेगी। श्रम व सेवायोजन विभाग को अभी हाल ही में आरए (रिक्रूटमेंट एजेंसी) का लाइसेंस मिल चुका है। अब विभाग को सीधे श्रम के कार्यों के लिए युवाओं को विदेश भेजने, परामर्श देने और सुरक्षा मानकों की निगरानी का अधिकार मिल गया है। पिछले वर्ष 5,978 निर्माण श्रमिकों को श्रम विभाग ने इजरायल भेजा था। |