यूपीएससी ईपीएफओ परीक्षा में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ पकड़े जाने के बाद कार्रवाई तय है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : लेखपाल, शिक्षक, ईपीएफओ अधिकारी, फिर शिक्षक। यह थी पहचान शिक्षक विनोद यादव की। रविवार को वाराणसी में यूपीएससी ईपीएफओ परीक्षा में इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ पकड़े जाने के कारण जहां दामन दागदार होने से करियर पर संकट आ गया है वहीं उसकी मेधा पर भी सवाल उठने लगे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मड़ियाहूं क्षेत्र के अजोसी गांव निवासी विनोद कुमार यादव का पेशेवर इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वर्तमान में प्राथमिक पाठशाला सुदनीपुर में शिक्षक के पद पर तैनात है। उसकी नियुक्ति वर्ष 2018 में 68500 शिक्षक भर्ती में हुई थी। उसने लेखपाल की नौकरी छोड़कर शिक्षक का पदभार ग्रहण किया था। चार साल शिक्षक पद नौकरी करने के बाद वर्ष 2024 में यूपीएससी की परीक्षा में चयन हुआ।
शिक्षक पद पर अवैतनिक अवकाश लेकर वह पुणे में ईपीएफओ पद पर कार्यभार ग्रहण किया। छह माह तक नौकरी करने के पश्चात वह ईपीएफओ की नौकरी छोड़ पुन: शिक्षक पद पर आ गया। वाराणसी में नकल करते पकड़े जाने के इस गंभीर आरोप के बाद उनके शिक्षक पद पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
प्राथमिक विद्यालय सुदनीपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक शिव कुमार सरोज ने बताया कि विनोद ने परीक्षा के लिए 28 व 29 नवंबर को अवकाश लिया था। सोमवार को एक दिन के लिए पुन: मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से अवकाश लिया है।
शिक्षक विनोद यादव की गिरफ्तारी के संबंध में समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली है। अगर कोई पत्र आता है तो खंड शिक्षा अधिकारी से आख्या लेकर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। -
डा. गोरखनाथ पटेल, बीएसए। |