राजीव सक्सेना, जागरण, कानपुर। वर्ष 2024 में जनवरी से अगस्त तक के आंकड़ों से तुलना में 2025 में जनवरी से अगस्त तक प्रदेश के ज्यादातर जिलों में निर्यात का ग्राफ गिरा है। अमेरिका का टैरिफ इसके पीछे बड़ा कारण है। प्रदेश से निर्यात करने वाले बड़े जिलों की बात की जाए तो कानपुर, गौतमबुद्ध नगर, मुरादाबाद, अलीगढ़ में तो 25 प्रतिशत से ज्यादा निर्यात नीचे आ गया है। निर्यात से जुड़े उद्यमियों के मुताबिक जिस तरह से आर्डर खत्म हुए हैं, उससे लग रहा है कि वर्ष 2025 के अंतिम चार माह में निर्यात की स्थिति और खराब होगी क्योंकि टैरिफ दरों का इसके बाद से सीधा प्रभाव शुरू हो गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदेश में कानपुर से चमड़ा, गौतमबुद्ध नगर से इलेक्ट्रानिक उपकरण, भदोही से कालीन, मुरादाबाद से पीतल की हस्तशिल्प की वस्तुएं आदि खूब निर्यात होती हैं। कानपुर के लिए पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के हिसाब से बात करें तो कुल 10,400 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। यह कानपुर का अब तक का एक वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा निर्यात था। यह आंकड़ा एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच का था। इसको लेकर निर्यातक उत्साहित थे कि अब निर्यात और बढ़ेगा लेकिन तब तक ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुके थे और उसके बाद वह समय भी आने लगा जबसे टैरिफ लगना था।
कानपुर अमेरिका को दो से ढाई हजार करोड़ रुपये का सामान हर वर्ष निर्यात करता है और इनके आयातकों ने माल के आर्डर टैरिफ लगाू होने से पहले ही वापस लेने शुरू कर दिए थे। कैलेंडर वर्ष के हिसाब से बात करें तो अब तक इस वर्ष जनवरी 2025 से अगस्त 2025 तक के आंकड़े उपलब्ध हैं जो बता रहे हैं कि कानपुर ने इन आठ माह में 7,325 करोड़ रुपये का निर्यात किया है। निर्यात को करीब से देखने वालों ने जब इन आंकड़ों को पिछले वर्ष यानी 2024 में जनवरी से अगस्त तक के आठ माह के आंकड़ों से मिलाया तो पता चला कि शहर से 25 प्रतिशत से ज्यादा निर्यात घट चुका है।
इसके साथ ही जब दूसरे जिलों के डाटा का मिलान किया गया तो वहां भी यही स्थिति रही। कानपुर में यह गिरावट 25.17 प्रतिशत की है तो प्रदेश से सबसे अधिक इलेक्ट्रानिक उत्पाद निर्यात करने वाले गौतमबुद्ध नगर में 25.33 प्रतिशत गिरावट है। यहां पिछले वर्ष 90,325 करोड़ का निर्यात हुआ था। इस वर्ष 67,442 करोड़ रुपये का निर्यात हो सका है। गाजियाबाद, मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़, भदोही, उन्नाव में भी यही स्थिति है। गाजियाबाद को छोड़ बाकी जिलों में 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट है। यह स्थिति तब है जब इन सभी जिलों में पिछले वर्ष में इस दौरान सभी जिलों में निर्यात बढ़ा हुआ था।
इस वर्ष के पहले आठ माह में पिछले वर्ष की तुलना में कम निर्यात हुआ है। प्रदेश के करीब-करीब सभी जिलों में यही स्थिति है। कानपुर में 25 प्रतिशत करीब निर्यात पहले आठ माह में कम हुआ है।
आलोक श्रीवास्तव, सहायक निदेशक, फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन।
ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव चर्म उद्योग पर बहुत बुरी तरह पड़ रहा है। कारोबार गिरता चला जा रहा है। उद्यमियों की पूंजी ब्लाक होती जा रही है। सरकार इस पर तुरंत ध्यान दे वरना चर्म उद्योग की हालत बहुत खराब हो जाएगी।
- असद इराकी, रीजनल चेयरमैन, चर्म निर्यात परिषद।
प्रमुख जिलों के निर्यात की स्थिति (आंकड़े करोड़ रुपये में )
जिला 2024 के पहले आठ माह 2025 में पहले आठ माह प्रतिशत गिरावट
- गौतमबुद्ध नगर -90,325- 67, 442- 25.33
- गाजियाबाद -14.077 -11, 424 -18.84
- कानपुर -9,863 -7,380 -25.17
- मुरादाबाद -10,352 -7,184 -30.61
- आगरा -7,509- 5,778 -23.04
- अलीगढ़ -7,184 -4,903 -31.75
- भदोही- 4,907- 3,780- 22.95
- उन्नाव- 4,608 -3571 -22.51
|