डिजिटल टीम, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब में खेलों को लेकर नई सोच और ठोस नीतियों ने राज्य की खेल संस्कृति में अभूतपूर्व बदलाव लाया है। जहां 2022 से पहले खेलों का बजट केवल 100 करोड़ रुपये था, वहीं मौजूदा सरकार ने इसे बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपये कर दिया है, यह राज्य की खेल नीति को लेकर प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
2023 में लागू की गई नई खेल नीति ने पंजाब के खिलाड़ियों के लिए नए अवसरों के द्वार खोले हैं। इस नीति में खिलाड़ियों को नकद इनाम, सरकारी नौकरियां और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं देने का प्रावधान किया गया है। ओलंपिक में भाग लेने वाले प्रत्येक पंजाबी खिलाड़ी को तैयारी के लिए 15 लाख रुपये अग्रिम दिए गए। साथ ही, सात खिलाड़ियों को डीएसपी और चार को पीसीएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया, जिनमें नौ हॉकी खिलाड़ी, एक क्रिकेटर और एक एथलीट शामिल हैं।
राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम “खेलां वतन पंजाब दियां” के तीन सफल सत्रों में अब तक पांच लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया है, जबकि पहले यह संख्या मात्र 20-25 हजार थी। यह बढ़ोतरी राज्य में खेल संस्कृति के पुनर्जागरण का संकेत है।
खेलों में पंजाब के योगदान पर गर्व करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आज चार राष्ट्रीय टीमों की कप्तानी पंजाबियों के पास है, जिनमें हरमनप्रीत कौर, शुभमन गिल और हरमनप्रीत सिंह जैसे नाम शामिल हैं। भारतीय हॉकी टीम में आज नौ पंजाबी खिलाड़ी खेल रहे हैं, जो राज्य की मजबूत खेल परंपरा को दर्शाता है।
राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को स्वर्ण के लिए 1 करोड़, रजत के लिए 75 लाख, और कांस्य के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की है। यह न सिर्फ खिलाड़ियों को सम्मान देता है, बल्कि नई पीढ़ी को यह संदेश भी देता है कि पंजाब में अब खेल सिर्फ जुनून नहीं बल्कि एक सम्मानजनक करियर और जीवनशैली बन चुके हैं। |