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Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं? जानिए व्रत करने का सही नियम

deltin33 2025-12-1 18:39:48 views 962

  

Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी व्रत नियम।



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सफला एकादशी का व्रत पौष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से सभी कामों में सफलता मिलती है। साथ ही श्री हरि का आशीर्वाद मिलता है। एकादशी का व्रत केवल उपवास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके व्रत नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2025 Vrat Rules) के व्रत के दौरान किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किनसे पूरी तरह परहेज रखना चाहिए? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  
व्रत में क्या खाएं? (Saphala Ekadashi 2025 Par Kya Khaye?)

  • फल और जूस - व्रती सभी तरह के मौसमी फल, जैसे केला, सेब, संतरा, अंगूर, पपीता और नारियल पानी का सेवन कर सकते हैं।
  • डेयरी की चीजें - दूध, दही, पनीर, और शुद्ध घी का सेवन कर सकते हैं।
  • व्रत वाले अनाज - व्रती साबूदाना , कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, राजगिरा का आटा और समा के चावल का उपयोग कर सकते हैं।
  • नमक और मसाले - व्रती केवल सेंधा नमक का उपयोग करें। इसके अलावा काली मिर्च, हरी मिर्च, अदरक और जीरा का प्रयोग भी किया जा सकता है।

व्रत में क्या न खाएं? (Saphala Ekadashi 2025 Par Kya Na Khayen?)

  • अनाज और दालें - इस दिन चावल का सेवन किसी भी रूप में नहीं करना चाहिए, यह व्रत का सबसे बड़ा नियम है। इसके अलावा, गेहूं, जौ, सूजी, मैदा, बेसन और सभी तरह की दालें नहीं खानी चाहिए।
  • तुलसी तोड़ना - एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। भोग में चढ़ाने के लिए पत्ते एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
  • तामसिक भोजन - लहसुन, प्याज, मांसाहार और शराब का सेवन व्रत से एक दिन पहले से लेकर व्रत के अगले दिन (द्वादशी) तक नहीं करना चाहिए।
  • सामान्य नमक - साधारण नमक का प्रयोग बिल्कुल न करें।
  • सब्जियां - व्रत के दौरान बैंगन, भिंडी, टमाटर, फूलगोभी, और पत्ता गोभी जैसी कुछ सब्जियों को नहीं खाया जाता है।

व्रत करने का सही नियम (Saphala Ekadashi 2025 Vrat Rules)

  • दशमी की शाम को सात्विक भोजन करें।
  • एकादशी की सुबह संकल्प लें और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें।
  • व्रत का पारण द्वादशी तिथि के शुभ मुहूर्त में ही करें।
  • पारण हमेशा प्रसाद और सात्विक भोजन से करें।

पूजन मंत्र ( Puja Mantra)

  • श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय॥
  • ॐ विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
  • मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुडध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥


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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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