रामलखन डी साहनी : पत्रकारिता से सिनेमा जगत त ...

deltin55 2025-10-3 17:05:05 views 823
सूरत। रंगों से शुरुआत कर, पत्रकारिता की राह पर चलते हुए और आज सिनेमा जगत तक पहुँचना—यह सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। यह कहानी है रामलखन डी साहनी की, जो उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रेणुकूट में जन्मे और पिछले लगभग तीन दशकों से सूरत शहर में रह रहे हैं।
  रामलखन का बचपन रेणुकूट के रिवर साइड जंगलों और नदियों के किनारे बीता। उनके पिता धनराज निषाद बिरला की हिंदुस्तान एल्युमिनियम कॉरपोरेशन (एच.आई.एन.डी.ए.एल.) में मुख्य वरिष्ठ पंप ऑपरेटर थे। एक कुशल तैराक और साहसी इंसान होने के कारण कंपनी में उनका विशेष सम्मान था। इस वातावरण ने रामलखन को बचपन से ही साहस और संघर्ष का पाठ सिखाया।
  प्राथमिक शिक्षा रेणुकूट से प्राप्त करने के बाद परिस्थितियाँ बदलीं। उन्हें पैतृक गाँव बरहज (देवरिया) जाना पड़ा। वहां का वातावरण पढ़ाई के अनुकूल नहीं रहा। असफलता का सामना करना पड़ा और दसवीं की पढ़ाई अधूरी रह गई। यह उनके जीवन का पहला बड़ा झटका था।
  निराशा के बीच चाचा के बच्चों के साथ सूरत आने का निर्णय लिया। छोटे कमरे में रहते हुए फर्नीचर और पेंटिंग का काम शुरू किया। कठिन परिश्रम से रंग-रोगन और इंटीरियर डेकोरेशन में महारत हासिल की। उन्होंने न केवल खुद को आगे बढ़ाया बल्कि दर्जनों युवाओं को रोजगार दिलाया और ठेकेदार बनने का अवसर दिया। यही वह दौर था जब समाज के लिए कुछ करने का बीज उनके भीतर पनपा।
  सामाजिक असमानताओं और शोषण को देखकर उन्होंने पत्रकारिता को अपनाया। रिपोर्टर के रूप में कई मुद्दों पर लिखा और जनता की आवाज़ को मंच दिया। इस बीच पढ़ाई भी जारी रखी और वर्ष 2016 में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
  पत्रकारिता से आगे बढ़ते हुए उनकी रुचि फिल्मों की ओर हुई। कहानियाँ और संवाद लिखने का जुनून उन्हें सिने राइटर बना गया। गुजराती, हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में अभिनय के साथ-साथ अब वे लेखन और निर्देशन की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं।
  आज वे धनराज मोशन पिक्चर्स के बैनर तले फिल्म निर्माण कर रहे हैं। उनकी फिल्मों का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं बल्कि सामाजिक बदलाव है। वे भारतीय इतिहास की अनकही कहानियों को सामने लाने और जात-पात, छुआछूत जैसी कुरीतियों को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होने गुजराती हिंदी फिल्मों के छोटे-मोटे किरदार भी कर चुके हैं साथ में इस समय इनके द्वारा रचित फिल्म विदेशी मेहमान को सुनहरे पर्दे पर लाने का प्रयास चल रहा है जो बहुत जल्दी जनता के बीच में आएगी।
  रामलखन की ज़िंदगी इस बात की मिसाल है कि असफलता अंत नहीं होती। अगर लगन और जुनून है तो हर संघर्ष सफलता का रास्ता खोल देता है। उन्होंने रंगों से शुरुआत की, समाज की आवाज़ बने और अब बड़े परदे पर कहानियाँ गढ़ रहे हैं।
  (नोट : लोकतेज में प्रकाशित हो रहीं ये प्रेरणादायी कहानियां आपको कैसी लगती हैं, अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। यदि आप भी अपनी कहानी लोकतेज के पाठकों के साथ साझा करना चाहते हैं तो हमारे प्रतिनिधि श्री प्रेमकुमार निषाद - मोबाइल नंबर - 95589 63566 पर संपर्क कर सकते हैं।)
like (0)
deltin55administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin55

He hasn't introduced himself yet.

210K

Threads

12

Posts

610K

Credits

administrator

Credits
66958

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com, Of particular note is that we've prepared 100 free Lucky Slots games for new users, giving you the opportunity to experience the thrill of the slot machine world and feel a certain level of risk. Click on the content at the top of the forum to play these free slot games; they're simple and easy to learn, ensuring you can quickly get started and fully enjoy the fun. We also have a free roulette wheel with a value of 200 for inviting friends.