deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

UGC के कड़े रुख से गोरखपुर विश्वविद्यालय में परीक्षा की देरी पर उठे सवाल, प्रथम सेमेस्टर का फार्म अभी नहीं है पूरा

deltin33 2025-11-28 20:06:55 views 425

  

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय। जागरण  



जागरण संवाददाता, गोरखपुर। समय से परीक्षा सम्पन्न कराने और सत्र को हर हाल में नियमित रखने को लेकर विश्वविद्यालयों पर यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की कड़े रुख के बाद दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की परीक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं। सवाल के परिप्रेक्ष्य में जब दैनिक जागरण ने विश्वविद्यालय की व्यवस्था की पड़ताल की तो पाया कि परीक्षा पहले के मुकाबले काफी हद तक नियमित हुई है, बावजूद इसके थोड़ी कमी आज भी देखी जा रही है। शैक्षणिक कैलेंडर में तय तिथि पर विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा शुरू कराने में सफल नहीं हो सका है। तमाम प्रयास के बाद भी परीक्षा को तय तिथि से नौ दिन बाद शुरू कर सका है।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किए गए शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं 11 नवंबर से शुरू होनी चाहिए थे लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन उसे नौ दिन की देरी यानी 20 नवंबर से संचालित कर सका। इंटरनल नंबर अपलोड करने की प्रक्रिया भी अभी अधूरी है। यही नहीं, प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा तो विषय सेमेस्टर की परीक्षा का हिस्सा भी नहीं बन सकी है। दरअसल प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा फार्म अभी पूर्ण नहीं कराए जा सके हैं।

इस परीक्षा में देरी के पीछे की वजह विश्वविद्यालय प्रशासन संबद्ध कालेजों में देर तक चली प्रवेश प्रक्रिया बता रहा है। दबी जुबान से समर्थ पोर्टल पर पंजीकरण की अनिवार्यता को भी दोषी ठहरा रहा है।  

उधर विश्वविद्यालय प्रशासन इसे मामूली देरी बता रहा है और शैक्षणिक कैलेंडर में परीक्षा सम्पन्न होने की तिथि 10 दिसंबर तक परीक्षाओं को पूर्ण किए जाने का दावा कर रहा है। बावजूद इसके उसपर प्रक्रियात्मक सवाल यह उठ रहा है कि जब प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं को अभी पूरी तरह फार्म ही नहीं भरा सका है तो निर्धारित तिथि से पहले परीक्षा कैसे संभव हो सकेगी?

यह भी पढ़ें- DDU News: परीक्षा की तिथि बदली, प्रश्नपत्र के पैकेट पर नहीं हुआ बदलाव

यूजीसी की चेतावनी के बाद यह मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो गया है कि विश्वविद्यालय परीक्षा समय से सम्पन्न कराने में किस हद तक सफल होता है। आगामी दो सप्ताह अब यह तय करेंगे कि विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा कितना मजबूत है और उसकी व्यवस्था कितनी व्यवस्थित।

क्या है यूजीसी की चेतावनी
यूजीसी ने देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों को समय पर परीक्षा न कराने और परिणाम जारी करने में देरी पर कड़ा रुख अपनाया है। यूजीसी ने साफ कहा है कि समय पर परीक्षा आयोजित न होने से विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित होता है। देरी से सत्र लंबे खिंचते हैं, जिससे विद्यार्थी आगे की पढ़ाई, प्रतियोगी परीक्षाओं या रोजगार के अवसरों के लिए समय पर पात्र नहीं हो पाते। आयोग ने यह भी बताया है किया कि देश में इस समय 1100 से अधिक विश्वविद्यालय समय से परीक्षा संचालित नहीं कर रहे हैं। शैक्षणिक सत्र को समयबद्ध करने में विफल साबित हो रहे हैं। इनमें 30 केंद्रीय विश्वविद्यालय भी शामिल हैं।


विश्वविद्यालय की परीक्षा व्यवस्था पटरी पर आ चुकी है। निर्धारित अवधि में परीक्षाएं संचालित कराई जा रही हैं और परिणाम भी घोषित किए जा रहे हैं। विषम सेमेस्टर की परीक्षा भी निर्धारित समय पर पूरी करा ली जाएगी और समय से परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। छात्रहित हमारी प्राथमिकता है। ऐसे में परीक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
-

-प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments
deltin33

He hasn't introduced himself yet.

610K

Threads

0

Posts

2010K

Credits

administrator

Credits
200904
Random