राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने कोडीन युक्त सीरप और नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं के भंडारण, अवैध बिक्री के मामले में वाराणसी, सुल्तानपुर, भदोही और प्रयागराज की 19 दवा फर्मों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में एफआइआर कराई है। इन फर्मों के संचालक जांच में कोडीन युक्त सीरप की खरीद और बिक्री से संबंधित दस्तावेज नहीं दिखा पाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जांच में पाया गया कि फर्म संचालक नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं की बिक्री बीमारी के इलाज के लिए नहीं कर रहे थे। एफएसडीए आयुक्त रोशन जैकब के अनुसार वाराणसी की राधिका इंटरप्राइजेज के संचालक प्रशांत उपाध्याय, मेड रेमिडी के आकाश पाठक, श्री हरी फार्मा के अमित जायसवाल, विश्वनाथ मेडिकल एजेंसी के विशाल सोनकर, सौम्या मेडिकल के सचिन पांडे, श्री राम फार्मा के घनश्याम, खाटू फार्मा के अभिनव यादव, काल भैरव ट्रेडर्स के बादल आर्य, विंध्यवासिनी ट्रेडर्स के सचिन यादव, श्याम फार्मा के राहुल कुमार जायसवाल, वीएसएम फार्मा के हिमांशु चतुर्वेदी, पूर्णा फार्मा की पूजा तिवारी के खिलाफ एफआइआर कराई गई है।
इनके खिलाफ हुई FIR
इसके अलावा सुलतानपुर की वैभव फार्मा के संचालक वैभव श्रीवास्तव, वैश्य मेडिकल स्टोर के राजेश कसौंधन, अमर फार्मास्युटिकल के पुष्पेंद्र कुमार सिंह, अनीस मेडिकल एजेंसी के अनीज खान के खिलाफ एफआइआर कराई गई है।
भदोही की श्री गुरुदेव मेडिकल एजेंसी, ओपी फार्मा के ओम प्रकाश कसेरा, प्रयागराज के आशुतोष फार्मा के आशुतोष पटेल के खिलाफ भी एफआइआर कराई गई है। सभी फर्मों के लाइसेंस भी निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
एफएसडीए ने अभी तक कोडीन युक्त सीरप व अन्य नारकोटिक्स दवाओं की अवैध बिक्री और भंडारण के मामले में वाराणसी में 28, जौनपुर में 12, कानपुर नगर में आठ, लखनऊ में तीन, चंदौली, बहराइच, सुल्तानपुर, गाजीपुर में 36 एफआइआर कराई है। इनसे जब्त दस्तावेजों के आधार इस अवैध कारोबार में शामिल अन्य दवा प्रतिष्ठानों की जांच की जा रही है। अब तक कुल 87 एफआइआर कोडीन युक्त सीरप के अवैध कारोबार के मामले में कराई गई है। |