deltin33 • 2025-11-28 06:36:40 • views 674
अश्वनी त्रिपाठी, देहरादून। उत्तराखंड में अब कोई भी राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सिंगल लेन नहीं रहेगा। राज्य के सभी सिंगल लेन राष्ट्रीय राजमार्गों को डबल-लेन में अपग्रेड करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। प्रदेश में कुल 3590 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों में से 1907 किलोमीटर मार्ग अभी सिंगल लेन हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की मंजूरी के बाद इन सभी मार्गों को दो-लेन और पव्ड शोल्डर्स मानक के अनुरूप विकसित करने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। कई मार्गों पर डबल लेन निर्माण शुरू भी हो चुका है।
एनएच-507: विकासनगर–चकराता–त्यूनी रूट
47 करोड़ की इस परियोजना में सिंगल लेन को डबल लेन में बदलने का काम प्रारंभिक चरण में है। इससे यमुनाघाटी और जौनसार–बावर क्षेत्र की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
एनएच-134: पालीगाड़–डामटा–खरसाली–जानकीचट्टी रूट
यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण मार्ग पर पालीगाड़–जानकीचट्टी सेक्शन काे अपग्रेड किया जा रहा है। लगभग 297 करोड़ की इस परियोजना के तहत सिंगल लेन को दो-लेन विद पव्ड शोल्डर मानक में बदला जा रहा है, जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित और सुगम हो जाएगी।
एनएच-309: सलोंधार–सतपुली–बड़कोट–बुवाखाल रूट
इस मार्ग के दोहरीकरण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का कार्य गति पर है। डीपीआर तैयार होते ही दो-लेन चौड़ीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
एनएच-07: लमेड़ी–नारायणबगड़–कर्णप्रयाग रूट
बदरीनाथ धाम की ओर जाने वाले इस महत्वपूर्ण सेक्शन पर दो-लेन पव्ड शोल्डर मानक के अनुसार चौड़ीकरण का काम जारी है। इससे यात्रा समय में कमी आएगी और ट्रैफिक सुचारू होगा।
अब तक की महत्वपूर्ण प्रगति
त्यूनी–चकराता–मसूरी मार्ग का अलाइनमेंट तैयार है और इसे डबल लेन में बदलने की योजना अंतिम चरण में है। मसूरी–चंबा–टिहरी–मलेथा डबल लेन परियोजना में तेजी से काम बढ़ रहा है। धरासू-बड़कोट-जानकीचट्टी मार्ग पर धरासू से सिलक्यारा तक डबल लेन का काम पूरा हो चुका है, जबकि पालीघाट-जानकीचट्टी सेक्शन में निर्माण शुरू करा दिया गया है।
विकासनगर-जुड्डो-लख्वाड़ बांध मार्ग की डीपीआर बन चुकी है और डाम्टा-बड़कोट तक डबल लेन कार्य प्रगति पर है। इसी तरह, कोटद्वार-श्रीनगर-सतपुली-पौड़ी मार्ग के अंतर्गत 37 किमी सड़क को डबल लेन करने की डीपीआर तैयार है, जबकि दुगड्डा-गुमखाल 25 किमी मार्ग की डीपीआर मंत्रालय को भेज दी गई है। गुमखाल-सतपुली व सतपुली-पैडुल में कार्य जारी है तथा पैडुल-श्रीनगर सेक्शन को मंजूरी मिल चुकी है।
राह होगी आसान
- -तीर्थ मार्गों की क्षमता बढ़ेगी
- -भीड़भाड़ व दुर्घटनाएं कम होंगी
- -पर्यटन एवं परिवहन सुगम होगा
- -आपदा प्रबंधन में तेजी आएगी
- -वाहनों की आवाजाही सुरक्षित होगी
चुनौतियां-
- पहाड़ों में ढलान कटिंग और भूस्खलन का जोखिम
- भूमि अधिग्रहण
- पर्यावरण स्वीकृति की बाधाएंउच्च लागत और रखरखाव की चुनौती
एनएच की स्थिति (किलोमीटर में)
- कुल राष्ट्रीय राजमार्ग: 3590 किमी
- सिंगल लेन: 1907 किमी
- डबल लेन: 1209 किमी
- फोर लेन: 474 किमी
प्रदेश में अब कोई भी राष्ट्रीय राजमार्ग सिंगल लेन नहीं रहेगा, इसके लिए परियोजनाओं पर काम तेज कर दिया गया है, कई परियोजनाओं की डीपीआर तैयार है, कई जगह निर्माण चल रहा है। इससे पर्यटन को नए आयाम मिलेंगे। -पंकज पांडेय, सचिव-लोक निर्माण विभाग।
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