ग्रामीणों ने विसर्जन स्थल पर सुरक्षा के इंतजाम न होने की बात कही। प्रतीकात्मक  
 
  
 
  
 
संसू, जागरण-खेरागढ़। विजयदशमी पर होने वाले मूर्ति विसर्जन के लिए जिला और पुलिस प्रशासन ने नवरात्र की शुरुआत होते ही इंतजाम करने शुरू कर दिए थे। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे।  
 
खेरागढ़ में हुए हादसे में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने निगरानी करके कुशियापुर से निकली विसर्जन यात्रा को दूसरे स्थान पर जाने से रोका होता, तो हादसा नहीं होता।  
 
  
 
उटंगन नदी में गुरुवार को जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। ग्रामीण विसर्जन यात्रा लेकर नदी किनारे पहुंच गए, लेकिन किसी ने रोका नहीं। ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस की ओर से घाट पर इंतजाम होने की जानकारी नहीं दी गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
विसर्जन यात्रा उटंगन किनारे तक पहुंच गई, किसी ने रोक-टोक नहीं की। अगर पुलिसकर्मी निगरानी करते हुए विसर्जन यात्रा को दूसरे स्थान पर जाने से रोकते तो हादसा नहीं होता। ग्रामीणों का कहना था कि पहले भी इस स्थान पर मूर्तियों का विसर्जन होता रहा है।  
 
   
  
वहीं, थाना प्रभारी खेरागढ़ मदन सिंह ने बताया कि विसर्जन के लिए उटंगन नदी के पुल के नीचे इंतजाम किए गए थे। कुशियापुर के ग्रामीण निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंचे। वह मूर्ति लेकर पुल से पांच सौ मीटर आगे बाबू महाराज मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते से यमुना किनारे पहुंच गए। यहां विसर्जन के लिए घाट नहीं था।   |