आसिम मुनीर और इमरान खान। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मार्च 1992 में पाकिस्तान ने क्रिकेट के इतिहास वर्ल्ड कप जीतकर वो कर दिखाया जो उसने पहले कभी नहीं किया था। इस बड़ी कामयाबी के सेंटर में जो एक आदमी था, पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान इमरान खान नियाजी। इमरान ने वो बॉल फेंकी जिससे आखिरी इंग्लिश टीम का विकेट गिरा और पाकिस्तान को ट्रॉफी दिलाई। मुस्कुराते हुए कैप्टन को अपने कंधों पर उठाए, खुशी का इजहार करते हुए टीम की तस्वीरें वायरल हो गईं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
33 साल बाद आज इमरान खान, विश्व विजेता कप्तान और पूर्व प्रधानमंत्री से भी कहीं ज्यादा लोकप्रिय हो गए हैं। वह अब एक हीरो हैं जिन्हें बेमिसाल पब्लिक सपोर्ट मिला है, जो इस बात से साफ है कि पाकिस्तान के खुद को \“फील्ड मार्शल\“ कहने वाले जनरल असीम मुनीर उन्हें कैसे कंट्रोल में रखते हैं।
वैसे, यह वही \“फील्ड मार्शल\“ हैं जिन्होंने इस हफ्ते एक कॉन्स्टिट्यूशनल अमेंडमेंट पास करवाया था। जिसमें आर्टिकल 234 को फिर से लिखा गया ताकि पाकिस्तान की मिलिट्री का कंट्रोल उनके हाथों में मजबूत हो जाए। इसका मतलब है कि वह उस सरकार से पूरी तरह से अछूते हैं जो हमेशा आर्मी के आगे झुकी रही है। ये डेवलपमेंट तब हो रहे हैं जब लाखों लोगों के मन में बस एक ही सवाल है, क्या इमरान खान जिंदा हैं?
इमरान खान को लेकर अफवाह
सोशल मीडिया पर चिंताजनक अफवाहें थीं कि पूर्व PM की रावलपिंडी की अदियाला जेल में मौत हो गई, जो पाकिस्तानी आर्मी की पावर का सेंटर है। ये अफवाहें तब और तेज हो गईं जब उनकी तीन बहनों, नोरीन नियाजी, अलीमा खान और डॉ. उजमा खान ने कहा कि अपने भाई से मिलने के लिए कहने पर उन पर हमला किया गया।
पिछले 25 दिनों से नहीं दिखे इमरान खान
तो, क्या उनकी मौत की खबरें सच हैं? अगर वे सच होतीं तो यह बहुत चिंता की बात होती, न सिर्फ पाकिस्तानियों के लिए बल्कि के भारत के लिए भी।
इमरान खान की पब्लिक में कितनी हैसियत है, यह इस बात से भी पता चलता है कि पाक अधिकारियों को इस अफवाह का पब्लिक में खंडन करने पर मजबूर होना पड़ा। जेल अधिकारियों ने तुरंत एक बयान जारी करके बताया कि वह जिंदा हैं, ठीक हैं और उन्हें मेडिकल केयर मिल रही है। लेकिन कोई विजुअल सबूत नहीं दिया गया और इससे लोगों को हैरानी हुई।
इमरान खान की रहस्यमयी बेगम
इमरान खान के साथ बुशरा बीबी हैं, जो रहस्यमयी फर्स्ट लेडी हैं और उनकी स्पिरिचुअल गाइड हैं। कहा जाता है कि उन्होंने उनके पॉलिटिकल पावर में आने की भविष्यवाणी की थी। और अब उनके सपोर्टर्स के बीच उनका लगभग संत जैसा दर्जा है। लेकिन अब उनका सितारा भी ढलता दिख रहा है।
गैर-कानूनी शादी और करप्शन के आरोप में उन्हें भी जेल में डाल दिया गया है और चुप करा दिया गया है। लेकिन, इमरान खान की तरह, लोगों की नजर में, उनके आस-पास का रहस्य और सहानुभूति बनी हुई है।
\“फील्ड मार्शल\“ आसिम मुनीर की बढ़ी ताकत
इस बीच, जब एक आदमी जेल की दीवारों के पीछे गायब हो गया, तो दूसरे ने चुपचाप पाकिस्तान के भविष्य पर कंट्रोल कर लिया और खुद को बहुत बड़ी उपाधियों के नवाज दिया।
मुनीर, जिन्हें आलोचक मजाक में \“फील्ड मार्शल\“ कहते हैं, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत से पाकिस्तान की मिलिट्री हार के बावजूद देश के सबसे ताकतवर आदमी बनकर उभरे हैं।
इस हफ्ते पास हुआ कॉन्स्टिट्यूशनल अमेंडमेंट मुनीर को बाकी जिंदगी के लिए और सर्विस चीफ्स के साथ-साथ प्रेसिडेंट आसिफ अली जरदारी को भी लीगल इम्युनिटी देता है। यह सुप्रीम कोर्ट से जरूरी कॉन्स्टिट्यूशनल अधिकार भी छीन लेता है, जिससे देश में बची-खुची ज्यूडिशियल आजादी भी खत्म हो जाती है।
दूसरी बातों के अलावा, इसका मतलब है कि जरदारी अपनी मर्जी से सीनियर जजों को ट्रांसफर या हटा सकते हैं, जिससे ज्यूडिशियरी सीधे एग्जीक्यूटिव कंट्रोल में आ जाएगी। मुनीर को पाक का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज अपॉइंट किया गया है, जिससे देश की सभी ब्रांच पर मिलिट्री का दबदबा पक्का हो गया है।
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