विदेश में संपत्ति छिपाना पड़ेगा महंगा।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। अगर आपके पास विदेश मैं संपत्ति है तो इसका खुलासा अपने इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर करें। अन्यथा यह काफी महंगा पड़ सकता है। इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा नहीं करने वाले 25,000 से अधिक टैक्सपेयर्स इन दिनों इनकम टैक्स विभाग के रडार पर है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके अलावा डाटा एनालिटिक्स व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल से विभाग लगातार भारतीयों की विदेशी संपत्ति का पता लगा रहा है। खासकर दुबई में भारतीयों की तरफ से संपत्ति की खरीदारी पर भी विभाग की खास नजर हैं।
विदेशी संपत्ति का खुलासा अनिवार्य
विभाग सूत्रों के मुताबिक 28 नवंबर यानी कि शुक्रवार से विदेश में संपत्ति का खुलासा नहीं करने वाले टेक्सपेयर्स को मैसेज व ई-मेल के माध्यम से सावधान किया जाएगा। ताकि ये टैक्सपेयर्स अतिरिक्त टैक्स के साथ अपना रिवाइज्ड आइटीआर भर सके। इस साल के 31 दिसंबर तक रिवाइज्ड आइटीआर भर देने पर ये टैक्सपेयर्स जुर्माने से बच जाएंगे।
विदेशी संपत्ति का खुलासा नहीं करने वाले लोगों को काला धन कानून के तहत 10 लाख रुपए के जुर्माने के साथ विदेशी संपत्ति के मूल्य का 30 प्रतिशत टैक्स के रूप में और बनने वाले टैक्स की रकम पर 300 प्रतिशत का जुर्माना देना पड़ेगा।
25,000 करदाता आयकर विभाग के रडार पर
पिछले साल से सरकार ने विशेष स्कीम के तहत विदेश में अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं करने वाले टैक्सपेयर्स को संदेश के माध्यम से अगाह करने की शुरुआत की है ताकि टैक्सपेयर्स को अपनी गलती सुधारने का मौका मिल सके।
पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में इस स्कीम के तहत विदेश में संपत्ति रखने वाले 24,678 टैक्सपेयर्स को रिवाइज्ड आईटीआर भरने के लिए संदेश भेजे गए थे।
इन लोगों ने 29,208 करोड़ रुपए मूल्य की विदेशी संपत्ति का खुलासा किया। इसके अलावा विदेशी माध्यम से प्राप्त होने वाली 1089.88 करोड़ रुपए की आय का भी खुलासा किया था।
31 दिसंबर तक संशोधित आईटीआर भरने का मौका
इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक इस साल जून तक इस प्रकार के 1080 मामलों में विभाग ने 40,000 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में देने के लिए कहा है।
दुबई व अन्य जगहों पर स्थित संपत्ति के बारे में अन्य देशों से डाटा आदान-प्रदान के बाद मुंबई, दिल्ली, पुणे जैसे स्थानों पर इनकम टैक्स विभाग की तरफ से सर्च आपरेशन भी चलाए गए हैं।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को अपनी संपत्ति का खुलासा करने के लिए संदेश भेजा जाएगा और फिर भी वे रिवाइज्ट आईटीआर नहीं भरते हैं तो उनके खिलाफ अलग से जांच की आगामी कार्रवाई की जाएगी। |