प्रतीकात्मक तस्वीर।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर की दो हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों को जल्द से जल्द रियल टाइम वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण लगाने का निर्देश दिया गया है। यह उपकरण इन इकाइयों की चिमनी के पास लगाया जाएगा और उसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ऑनलाइन सर्वर से जोड़ना अनिवार्य होगा। इस व्यवस्था के जरिये देखा जाएगा कि इन इकाइयों से कितना प्रदूषण फैल रहा है और उस पर किस तरह नियंत्रण पाया जाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नई व्यवस्था बनाई गई
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में चल रही यह इकाइयां फूड, टेक्सटाइल और मेटल श्रेणी से संबंधित हैं। हालांकि, इनमें से राजधानी की ज्यादातर इकाइयां पीएनजी यानी स्वच्छ ईंधन पर चल रही हैं जबकि एनसीआर के शहरों में अभी भी कोयले, भट्टी और प्रदूषित ऑयल का इस्तेमाल हो रहा है। यही वजह है कि इनकी चिमनी से वायुमंडल में काफी प्रदूषक तत्व फैलते रहे हैं। इसी पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था बनाई गई है।
सुधार न होने पर कार्रवाई की जाएगी
सीपीसीबी अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन सर्वर से जुड़ने पर इन सभी औद्योगिक इकाइयों के धुएं की नियमित निगरानी होगी। इससे पता चल जाएगा कि मानकों का उल्लंघन हो रहा है और कहां प्रतिबंध के बावजूद प्रदूषित ईंधन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही फिर संबंधित इकाई को कारण बताओ नाेटिस जारी किया जाएगा और बाद में भी सुधार न होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
“दिल्ली एनसीआर के वायु प्रदूषण में अभी भी औद्योगिक इकाइयों के धुएं की हिस्सेदारी सामने आ रही है। इसीलिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि राजधानी में अधिक समस्या नहीं है, लेकिन एनसीआर में अभी भी तय मानकों का पालन नहीं हो रहा है। प्रदूषित ईंधन हवा को नहीं, मानव स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा रहा है। पूरी उम्मीद है कि भविष्य में मौजूदा स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।“
-डाॅ. अनिल गुप्ता, सदस्य, सीपीसीबी
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