जहर खाकर की खुदकुशी (इनसेट- महंत शंकर शरण)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। छतरपुर जिले के भीमकुंड आश्रम के महंत शंकर शरण दास (62) ने गुरुवार सुबह जहरीला पदार्थ सेवन कर आत्महत्या कर ली। महंत शंकर शरण ने आठ साल पहले यह पद संभाला था। वे पहले भी अध्यक्ष रह चुके थे। कुछ समय पहले उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़कर जय सिंह ठाकुर को नियुक्त किया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन पर लगाए आरोप
महंत के परिवार ने पूर्व गद्दीदार नारायण आचार्य और कमलनयन पर लगातार प्रताड़ना और झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश का आरोप लगाया है। उनके भाई धर्मेंद्र दुबे व पुजारी संतोष मिश्रा के मुताबिक, इन परेशानियों के कारण महंत तनाव में थे।
परिजनों ने बताया कि शनिवार को भी आश्रम में 10-12 लोगों ने तोड़फोड़ की थी, जिसकी शिकायत महंत ने थाने में दी थी।
महिला रसोइया कर रही थी ब्लैकमेल
इसके अलावा, आश्रम में खाना बनाने आई महिला रजनी तिवारी पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। परिवार का दावा है कि महिला पूर्व गद्दीदारों के दबाव में महंत को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी और झूठे आरोप लगा रही थी। महिला ने एक स्थानीय चैनल को महंत पर छेड़खानी और गलत हाथ लगाने के आरोप भी लगाए थे। बताया जाता है कि इसी मानसिक प्रताड़ना के दबाव में महंत ने यह कदम उठाया।
गुरुवार दोपहर महंत का सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम हुआ, इसके बाद परिजन उनके पार्थिव शरीर को रुहावन लेकर चले गए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बताया जाता है कि शंकर शरण दास दो आश्रमों (भीमकुंड समेत) के महंत थे। |