झारखंड की सामाजिक बदलाव पर बनी सीरीज रिलीज होगी आज। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, रांची। गांव की मिट्टी से निकली अनोखी हारर (डरावनी ) सीरीज साया नागपुरी में बनेगी सामाजिक बदलाव की आवाज झारखंड की धरती से एक नई और अनोखी पहल सामने आई है।
नागपुरी भाषा में बनी पांच मिनट की मिनी हारर सीरीज साया का पहला एपिसोड 27 को यूट्यूब पर रिलीज होने जा रहा है। यह सीरीज सिर्फ डर नहीं दिखाएगी, बल्कि समाज में आज भी मौजूद टोनही, डायन प्रथा और उससे जुड़ी हिंसा के खिलाफ एक सशक्त संदेश भी देगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
साया को खास बनाता है इसका निर्माण यह पूरी तरह एक गांव की साझा मेहनत का परिणाम है। किसी बड़े स्टूडियो या फिल्म कंपनी के बजाय सुराकोचा और कोटा गांव के करीब 100 ग्रामीणों ने मिलकर इस सीरीज़ को तैयार किया है।
किसी ने अभिनय किया, किसी ने सेट सजाया, किसी ने कपड़े जुटाए तो किसी ने कैमरा थामा। हर छोटे-बड़े काम में ग्रामीणों की भागीदारी रही।साधनों की कमी के बावजूद उनका जुनून अडिग था।
महंगे कैमरे या उपकरण नहीं थे, लेकिन कलाकारों की लगन ने उनकी मोबाइल कैमरे से शूट की गई कहानी को भी जीवंत बना दिया। यह सचमुच गांव द्वारा बनाई गई फिल्म का बेमिसाल उदाहरण है।
इस सीरीज़ के पहले एपिसोड को साकार करने में सबसे बड़ी भूमिका रही टोप्पो लैब्स की। यह एक ट्राइबल ब्रांड है जो फूड, इंजीनियरिंग और आर्ट के क्षेत्र में काम करता है। उनके आर्थिक और तकनीकी सहयोग से यह सपना सच हो सका।
गांव के कलाकारों और निर्माताओं को उम्मीद है कि साया की रिलीज़ के बाद और भी संवेदनशील प्रोड्यूसर आगे आएंगे, जो कला को समाज से जोड़ने वाले ऐसे प्रयासों को सहयोग दें।
सुराकोचा और कोटा गांव में इस समय उत्सव का माहौल है। स्थानीय कलाकारों के लिए साया केवल एक सीरीज़ नहीं, बल्कि अपनी पहचान और प्रतिभा का प्रतीक बन गई है। |