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किताबों की कीमतों को लेकर जम्मू-कश्मीर शिक्षा मंत्री अलर्ट, स्कूलों-पुस्तकों की दुकानों की नियमित जांच के निर्देश

Chikheang 2025-11-27 01:21:57 views 294

  

निजी स्कूलों को शिक्षा मंत्री की चेतावनी, किताबों की कीमतें न बढ़ाएं।



राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे निजी स्कूलों द्वारा अत्यधिक दरों पर पुस्तकों की बिक्री की शिकायतों की जांच करें। उन्होंने स्कूलों और पुस्तकों की दुकानों की नियमित जांच करने तथा दोषी संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

मंत्री ने निदेशक स्कूल शिक्षा को निर्देश दिया कि वे पाठ्यक्रम और पुस्तकों से संबंधित विस्तृत आदेश जारी करें और सभी मुख्य शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि स्कूल उस आदेश को पूरी तरह लागू करें।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि फीस और पुस्तकों की कीमतों से संबंधित शिकायतों के निवारण के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करें।

मंत्री ने आज सिविल सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के निजी स्कूलों में फीस निर्धारण और विनियमन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव राम निवास शर्मा, निदेशक स्कूल शिक्षा कश्मीर नसीर अहमद वानी, बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन के सचिव गुलाम हसन शेख, निदेशक स्कूल शिक्षा जम्मू डॉ. नसीम जावेद व अन्य अधिकारी शामिल हुए।

बैठक के दौरान मंत्री ने निजी शैक्षणिक संस्थानों में फीस निर्धारण, नियमन और पारदर्शिता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक सामाजिक दायित्व है और सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी विद्यार्थी को अनुचित फीस संरचना के कारण शिक्षा से वंचित न होना पड़े।

उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे मौजूदा दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाएं और किसी भी मनमाने शुल्क वृद्धि पर रोक लगाने के लिए निगरानी तंत्र को और मजबूत करें।

मंत्री ने कहा कि निजी स्कूल शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, लेकिन फीस ढांचे में पारदर्शिता, स्वीकृत दरों का पालन और अभिभावकों व विद्यार्थियों की शिकायतों का समय पर निपटारा आवश्यक है। उन्होंने सरकार, स्कूल प्रबंधन और अभिभावक संघों के बीच सकारात्मक संवाद की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि एक न्यायसंगत और स्थायी शैक्षणिक वातावरण का निर्माण हो सके।

मंत्री ने अधिकारियों को एक पूर्ण गतिशील वेबसाइट विकसित करने का भी निर्देश दिया, जिसमें ऑनलाइन आवेदन, फीस डाटा सबमिशन और स्वीकृत फीस संरचनाओं की सार्वजनिक रूप से पारदर्शी जानकारी उपलब्ध हो सके।

उन्होंने यह भी कहा कि फीस संशोधन की प्रक्रिया को व्यवस्थित और प्रमाण-आधारित बनाने के लिए समय-समय पर समीक्षा एवं सुझाव प्रस्तुत किए जाएं, ताकि निजी शिक्षा को सुलभ बनाया जा सके।
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