cy520520 • 2025-11-27 00:37:32 • views 950
सरकार ने पूरी तरह लागू नहीं किए पूरे नियम? एक्सपर्ट ने 5 पॉइंट्स में दूर किया पूरा कंफ्यूजन
New labour codes 2025: देश में नया लेबर कोड लागू होने की खबर के बाद लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल- कि आखिर कौन-सा नियम लागू हुआ (labour codes implementation November 2025) है और कौन अभी भी अटका है? बिना अपॉइंटमेंट लेटर वालों को क्या अब डॉक्यूमेंट मिलेगा? सैलरी में बेसिक 50% वाला नियम कब आएगा? और 15 महीने नौकरी करने पर क्या ग्रेच्युटी मिलेगी? विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऐसे कई सवाल लोगों को उलझा रहे हैं, खासकर कर्मचारियों को, जो गिग-वर्कर से लेकर कॉरपोरेट वर्ल्ड में काम कर रहे हैं। इसलिए जागरण बिजनेस ने आपके इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए फ़ोर्विस मज़ार्स इंडिया के एसोसिएट पार्टनर डॉ. संजय भारद्वाज से बात की और उन्होंने पांच पॉइंट्स में आपके मन में उठ रहे सभी सवालों के जवाब दिए। चलिए एक-एक कर बारीकी से समझते हैं।
सवाल-1: कौन-से लेबर कोड के नियम लागू हुए और क्या बाकी है?
जवाब: सरकार ने अभी तक लेबर कोड्स (India labour law reforms) को पूरी तरह लागू नहीं किया है। लेकिन कोड ऑन वेजेस (Code on Wages) और कोड ऑफ सोशल सिक्योरिटी (Code on Social Security) के कुछ प्रावधान नवंबर 2025 से चालू हो चुके हैं। जिसमें मुख्यतौर पर ये नियम शामिल हैं:
- - न्यूनतम वेतन सभी तरह के वर्कर्स पर लागू
- - वेतन समय पर देने का नियम
- - वेज की नई परिभाषाएं
- - सोशल सिक्योरिटी में ESIC, मातृत्व लाभ, ग्रेच्युटी और PF से जुड़े कुछ प्रावधान
हालांकि, सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स के कई डीटेल्ड ऑपरेशनल रूल्स अभी नोटिफाई नहीं हुए हैं। यानी पूरा सिस्टम अभी भी वेटिंग फेज में है।
सवाल-2: बिना अपॉइंटमेंट लेटर वाले कर्मचारियों पर क्या असर?
जवाब:नए लेबर कोड्स के मुताबिक अब हर कर्मचारी चाहे वह रेगुलर, कैजुअल, गिग या फिर प्लेटफॉर्म वर्कर (basic salary 50% CTC) हो, उसे अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य है। यह नियम 21 नवंबर 2025 से लागू हो गया है। अगर कोई कंपनी अब भी लेटर देने से इनकार करती है, तो कर्मचारी सीधे लेबर कोर्ट या संबंधित अथॉरिटी में शिकायत कर सकता है। नया कोड इसे कानूनी अधिकार बनाता है।
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सवाल-3: बेसिक सैलरी 50% वाला नियम कब लागू होगा?
जवाब: कोड ऑफ वेजेस (Code on Wages) में कहा गया है कि बेसिक पे कुल सैलरी का कम से कम 50% होना चाहिए। यह नियम आंशिक रूप से लागू है। अभी यह पीएफ और ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन में इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन सरकार की विस्तृत गाइडलाइन्स आने के बाद इसे पूरी तरह लागू माना जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही इसका पूरा ढांचा नोटिफाई होगा।
सवाल-4: 15 महीने नौकरी के बाद इस्तीफा क्या ग्रेच्युटी मिलेगी?
जवाब: हां, नए कोड्स में ग्रेच्युटी की पात्रता अवधि बदल दी गई है। पहले 5 साल की सर्विस जरूरी थी, लेकिन अब 1 साल की निरंतर सेवा भी ग्रेच्युटी के लिए काफी है। इसलिए 15 महीने काम करने के बाद इस्तीफा देने वाले कर्मचारी को भी ग्रेच्युटी मिलेगी।
सवाल-5: लेबर लॉ और लेबर कोड में क्या फर्क है?
जवाब: पुराने लेबर लॉ अलग-अलग विषयों पर बने थे, जैसे- वर्किंग कंडीशन, औद्योगिक संबंध, यूनियन आदि। जबकि लेबर कोड्स इन दर्जनों कानूनों को एक जगह जोड़कर एक सरल, एकीकृत सिस्टम बनाते हैं, ताकि कंपनियों के लिए पालन आसान हो और कर्मचारियों को सार्वभौमिक सुरक्षा मिल सके।
नई कोड्स का मकसद नियमों को सरल बनाना है, लेकिन अधूरे नोटिफिकेशन की वजह से कर्मचारियों और कंपनियों दोनों में अभी भी असमंजस बना हुआ है।
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