खेतों तक न पोल पहुंचा ना तार... उल्टा थमा दिया 20 हजार का बिल
संवाद सूत्र, उदवंंतनगर (आरा)। बिजली विभाग की कार्य शैली और किसानों की हित की उपेक्षा से किसान परेशान हैं। खेतों तक बिना बिजली के पोल और तार पहुंचाएं बिजली विभाग किसानों के घर अनाप-शनाप बिल भेज रहा है, जिससे वैसे किसान सकते में हैं, जो बिना तार पोल बिजली का उपयोग नहीं कर रहे हैं। खेतों तक बिजली पहुंचाने कि बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर अभी तक नहीं उतर पाया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिले के उदवंंतनगर प्रखंड सहित तमाम प्रखंडों से शिकायतें मिल रही है। अभी तक किसानों के खेतों तक ना बिजली का खंभा पहुंचा है और ना ही तार, लेकिन हर महीने बिल जनरेट किया जा रहा है तथा उन्हें दी जाने वाली सब्सिडी भी दिखाई जा रही है।
बिहार सरकार द्वारा पूर्व में कई बार शिविर लगाकर कृषि कनेक्शन दिया जाता रहा है। शिविर में विभाग द्वारा प्रचारित किया जाता रहा है कि कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन करने वालों किसानों के खेतों तक सरकार एक महीने के भीतर पोल व तार पहुंचा देगी, लेकिन आज तक खेतों तक पोल और तार नहीं पहुंच पाया, उल्टे आवेदन के दिन से आज तक बिजली बिल थमा दिया गया।
प्रखंड के कोहड़ा गांव के किसानों ने बताया कि हम लोग कनेक्शन के लिए कागजात जमा कराए थे। अभी तक बोरिंग तक बिजली का पोल व तार नहीं पहुंच सका है। किसान अजय ओझा ने बताया कि अभी हमारे बोरिंग तक बिजली का तार व पोल नहीं पहुंच सका है, ना ही मैंने बोरिंग चलाई है। उल्टे बिभाग ने 20 हजार का बिल थमा दिया है।
उसी गांव के सुनील ओझा ने बताया कि दो वर्ष पहले यकायक छ हजार का बिजली बिल आया। मैंने विभाग में शिकायत किया कि मेरे बोरिंग तक तार व पोल नहीं पहुंचा है। मैं विभाग द्वारा पोल पहुंचने का इंतजार कर रहा हूं। विभाग से आए कर्मियों ने कहा दो दिन के अंदर बिल जमा कीजिए बर्ना केस के लिए तैयार रहिए।बाध्य होकर बिल जमा करना पड़ा।
बिना पोल व तार के कारण होता है हादसा
बिजली विभाग व पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण अभी तक खेतों तक पोल व तार नहीं पहुंच सका है। किसान असुरक्षित तरीके से टोका लगाकर बोरिंग चलाने को बाध्य हैं। अभी तक सैकड़ों किसान अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन विभाग खेतों तक तार पहुंचाने के बजाय किसानों का माखौल उड़ाता दिख रहा है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी?
असनी फीडर के जेई नागमणि बताते हैं किसानों के खेतों तक पोल व तार पहुंचाना विभाग की जिम्मेदारी है। अभी तक सभी आवेदनकर्ताओं (उपभोक्ताओं) के बोरिंग तक पोल व तार नहीं पहुंच सका है। जिस दिन से कनेक्शन स्वीकृत होता है उसी दिन से बिल का भुगतान करना होता है। वैसे में जो किसान अभी तक बिजली का उपयोग नहीं कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी। |