सदर अस्पताल में मारपीट। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, छपरा। सदर अस्पताल परिसर बुधवार की दोपहर अफरा-तफरी के माहौल में तब्दील हो गया, जब एमसीएच भवन में दो महिलाओं के बीच मारपीट की घटना सामने आई।
जानकारी के अनुसार, यह विवाद स्त्री रोग विभाग के ओपीडी कक्ष संख्या पांच में हुआ, जब लाइन में लगी महिलाओं के बीच एक महिला अचानक कतार तोड़कर भीतर जाने लगी।
वहां ड्यूटी पर तैनात आउटसोर्सिंग सुरक्षा कंपनी की गार्ड संगम देवी ने उसे रोकने की कोशिश की। इस पर दोनों में तीखी नोकझोंक होने लगी और देखते-देखते हालात हाथापाई तक जा पहुंची। संगम देवी के चेहरे पर नोचने के निशान दिख रहे थे ।
विवाद बढ़ने पर सदर अस्पताल की सभी महिला गार्ड मौके पर पहुंच गईं और दूसरी महिला की तलाश शुरू कर दी। कुछ देर बाद वह महिला एमसीएच भवन के प्लास्टर कक्ष में छिपी मिली, जहां गार्डों ने उसे घेर लिया और हंगामा होने लगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांकि स्थिति बिगड़ने से पहले ही अस्पताल प्रशासन ने बीच-बचाव कर मामले को नियंत्रित किया। इसी दौरान घटना की सूचना डायल 112 और भगवान बाजार थाना को भी दे दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों महिलाओं को शांत कराया और मामले की छानबीन शुरू की।
आरोपित महिला गुदरी बाजार की अन्नू ने पुलिस को बताया कि वह अपने किसी निजी काम से अस्पताल पहुंची थी, लेकिन सुरक्षा कर्मियों द्वारा रोके जाने पर उसकी बहस हो गई।
वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिसर में ऐसे बिचौलियों का लगातार आना-जाना बढ़ गया है, जो मरीजों को बहला-फुसलाकर निजी नर्सिंग होम तक ले जाने की कोशिश करते हैं।
सदर अस्पताल के डीएस डा. आर. एन. तिवारी ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है और उन्होंने ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अस्पताल में मरीजों को बरगलाने की कोशिश करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उनके प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि आगे इस तरह की गतिविधियों पर और भी सख्ती बरती जाएगी तथा बिचौलियों की अस्पताल में मौजूदगी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
घटना के बाद अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं मरीजों और उनके परिजनों के बीच भी इस घटना को लेकर दहशत का माहौल देखा गया।
प्रशासन का दावा है कि व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा ताकि अस्पताल में आने वाले मरीज सुरक्षित और निर्भय माहौल में इलाज करा सकें। |