संविधान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संविधान की उद्देशिका का सशपथ पाठ कराया
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रिमंडल में उनके सहयोगियों ने संविधान दिवस 2025 के अवसर पर लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों की शपथ ली।
मुख्यमंत्री ने संविधान की उद्देशिका का सशपथ पाठन कराया। इससे पहले अतिथियों ने भारत मां व बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पार्चन किया। इस दौरान लघु फिल्म भी दिखाई गई। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मानित किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से 2015 से पूरा देश प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करता है। 1946 में हुए संविधान सभा के चुनाव के उपरांत गठित संविधान सभा ने भारत के संविधान का निर्माण किया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में बनी संविधान सभा ने अलग-अलग कमेटियां बनाई थीं, उसकी ड्रॉफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे। संविधान निर्माण में जिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने योगदान व विशेषज्ञों ने सहयोग किया, उसी का परिणाम है कि हमारा संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और भारत की अनेकता को एकता में जोड़ने वाला है। संविधान की मूल प्रति को लेकर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की समिति जब संविधान सभा के पास गई थी तब भी उन्होंने कहा था कि संविधान एक दस्तावेज है, जो भारत की विविधता को एकता में जोड़ने में मार्गदर्शिका के रूप में देश को नेतृत्व प्रदान करेगी।
कर्तव्य के बिना अधिकार नहीं हो सकता
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हर संस्था, पंचायत में ऐसे आयोजन करके संविधान की प्रस्तावना का वाचन करने का प्रयास हुआ है। 2015 में संविधान दिवस पर पीएम मोदी ने कहा था कि हममें से हर व्यक्ति स्वतंत्र भारत का नागरिक है, लेकिन स्वतंत्रता की वास्तविक कीमत विस्मृत की जा रही है, क्योंकि हमने स्वाधीनता की लड़ाई को आंखों से नहीं देखा। हमने क्रूर यातनाओं को नहीं सहा। परिणामस्वरूप हर व्यक्ति केवल अधिकार की बात करता है। अधिकार तब सुरक्षित होते हैं, जब व्यक्ति कर्तव्यों के निर्वहन की आदत डाले। कर्तव्य के बिना अधिकार नहीं हो सकता। जहां कर्तव्य के बिना अधिकार प्राप्त करने का प्रयास किया गया है, वहां पर लोकतंत्र नहीं है, बल्कि वहां तानाशाह, व्यवस्था को गिरफ्त में लेकर आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को रौंदते दिखते हैं।
विकसित व आत्मनिर्भर भारत के लिए हर देशवासी पंचप्रणों के साथ जुड़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान लागू होने के बाद भारत ने इसे सर्वोपरि मानकर सम्मान दिया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व प्रतीकों को सम्मान दिया और जिन मूल भावनाओं पर भारत का संविधान बना है, उसे जीवन का हिस्सा बनाने का प्रयास किया। जब कोई देश मूल भावनाओं को सम्मान देते हुए बढ़ता है तो उसे विकसित होने से कोई रोक नहीं सकता। आजादी के अमृत महोत्सव में पीएम मोदी ने देशवासियों के सामने विकसित भारत की संकल्पना रखी। इसके लिए पीएम मोदी ने 2022 में कहा था कि जब देश आजादी के 100वें वर्ष में जाएगा, तब हमें कैसा भारत चाहिए इसके लिए काम करना होगा। उन्होंने विकसित व आत्मनिर्भर भारत के लिए हर देशवासियों से पंचप्रण के साथ जुड़ने का आह्वान किया। सीएम ने पंच प्रण का जिक्र करते हुए कहा कि हर व्यक्ति गुलामी की मानसिकता से मुक्त हो। यूनिफॉर्म धारी सेना-अर्धसेना, पुलिस बल के जवानों के प्रति सम्मान का भाव रखे।
एक व्यक्ति गलती पर पूरी व्यवस्था को नहीं कोसा जाना चाहिए
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि कोई एक व्यक्ति गलती करता है तो उसके लिए पूरी व्यवस्था को नहीं कोसा जाना चाहिए, बल्कि गलती के परिमार्जन का अवसर देना चाहिए। कोई बार-बार गलती करता है तो परिमार्जन का अवसर देते हुए प्रभावी कदम उठाने के लिए कहना चाहिए। उसके लिए पूरे सिस्टम को दोषी नहीं ठहरा सकते। अक्सर स्वयं के स्वार्थ के लिए हम लोग सामाजिक विद्वेष की खाई को चौड़ा करने का प्रयास करते हैं। सीएम ने कहा कि एकता व एकात्मता के लिए प्रयास-दायित्व होना चाहिए। हमें विरासत का सम्मान करना चाहिए। भारत में विरासत, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक परंपरा भी है। स्वाधीनता संग्राम के दौरान अलग- अलग क्षेत्रों-संघर्षों में जिन बलिदानियों ने खुद को समर्पित करते हुए भारत की एकता-अखंडता के लिए मिलकर कार्य किया, वे धरोहर के रूप में हैं। सीएम योगी ने कहा कि हर किसी को ईमानदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।
सामूहिक शपथ पाठ के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, धर्मपाल सिंह, सूर्य प्रताप शाही, दारा सिंह चौहान व धर्मवीर प्रजापति और राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी व बलदेव सिंह औलख के साथ की लखनऊ मेयर सुषमा खर्कवाल भी मौजूद थे। शासन से अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार थे।
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने संविधान दिवस पर केंद्र व राज्य सरकारों को नसीहत दी। उन्होंने संविधान के उद्देश्यों पर अमल को समय की जरूरत बताया है। बसपा प्रमुख ने बुधवार को एक्स पर लिखा कि आज देश संविधान दिवस मना रहा है और इस खास मौके पर भारतीय संविधान के मूल निर्माता व बहुजन समाज के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर को मैं पूरे तहेदिल से शत-शत नमन करती हूं। साथ ही ये भी उम्मीद करती हूं कि केंद्र व राज्य सरकारें संविधान दिवस मनाने के साथ उसके समतामूलक, मानवतावादी व कल्याणकारी उद्देश्यों पर ईमानदारी एवं निष्ठा से अमल करके जनता की अपेक्षाओं को जरूर पूरा करेंगी, यही समय की मांग है। संविधान के उद्देश्यों पर ईमानदारी से काम करें। |