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नेपाल का युवक बिहार में कर रहा चिट फंड कंपनी का संचालन, ट्रेनिंग कार्यालय सील

deltin33 2025-11-26 18:07:40 views 712

  

Muzaffarpur News: कार्यालय सील करने के साथ ही पुलिस अपने साथ पांच बैग कागजात भी ले गई। जागरण  



जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Bihar Crime: सरकार और पुलिस प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास किए जाने के बाद भी चिट फंड कंपनी पर रोक लगाना संभव नहीं हो सका है। अब पड़ोसी देश नेपाल के युवक भी कूद पड़े हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसी क्रम में नेपाल के एक युवक द्वारा मुजफ्फरपुर के अहियापुर में किराये का मकान लेकर चिट फंड कंपनी चलाने का मामला सामने आया है। इसके पीड़ित नेपाल के युवक के साथ ही साथ सिलिगुड़ी के युवा भी है।

मजिस्ट्रेट के नेतृत्व मे मंगलवार को कोल्हुआ पैगंबरपुर स्थित चिट फंड कंपनी को पुलिस मौजूदगी में सील कर दिया। सील के पूर्व चिट फंड कंपनी के कार्यालय के कागजात व अन्य सामन को पुलिस ने जब्त किया।

पांच बैग पुलिस ने कागजात जब्त किए है। जांच अधिकारी पिंटू कुमार ने बताया कि जरूरत पड़ने पर आरोपितों को रिमांड पर लेकर उनसे पुछताछ की जाएगी। फिलहाल जब्त कागजात की जांच किया जा रहा है।

जब्त कागजात से यह पता लगाया जा रहा है कि नौकरी के नाम पर कितने युवको का रजिस्ट्रेशन किया गया था। कहां-कहां के युवक नौकरी को लेकर ठगी का शिकार हुए। कंपनी कही से रजिस्टर्ड थी या नही।

साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि विदेशी नागरिक को किराए पर मकान किस आधार पर दिया गया था। मकान मालिक ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दिया था या नही।  

इधर, एसडीपी टू विनीता सिन्हा ने बताया कि जल्द ही पीड़ितों को न्याय दिलायी जाएगी। साक्ष्य इक्ठ्ठा कर तय सीमा के अंदर कोर्ट मे चार्जशीट करने का आदेश जांच अधिकारी को दिया गया है। एसडीपीओ टू ने बतायी कि पीड़ितों का बयान जांच अधिकारी ने आनलाइन बयान रिकार्ड किया है।

पीड़ितों मे नेपाल के अलावा दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के भी युवक है। मालूम हो कि दो दिन पूर्व अहियापुर थाना के कोल्हुआ पैगंबरपुर इलाके मे नेपाल के कुछ युवक किराए के मकान लेकर लेकर चिट फंड कंपनी के तहत ट्रेनिंग के साथ नौकरी देने का कार्यालय संचालन कर रहे थे।

इसका विज्ञापन सोशल साइट्स के जरिए दिया था। सबसे पहले कंपनी के लोग नेपाल के युवकों को शिकार बनाए। इसके बाद नेपाल के युवकों के सहारे दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के युवकों को अपने जाल मे फंसाया।

इसके बाद संबंधित विज्ञापन पर दिए गए मोबाइल नंबर अनेकों युवकों ने संपर्क करके चिट फंड कंपनी के जाल मे फंसे। कुछ लोगों को काल करके नौकरी के जाल मे फंसाया। फंसे लोगों को ट्रेनिंग के दौरान चार लोगों को जोड़ने को कहा गया। इसके बाद ही उन्हें नौकरी मिलने के बारे मे बताया गया।

यहां रजिस्ट्रेशन के नाम पर बारह हजार रुपए लिए गए। इसके बाद जिसे जिस कार्य मे रूचि थी, उसके मुताबिक उन्हें ट्रेनिंग दिया गया। ट्रेनिंग के दौरान नाैकरी देने का वादा किया गया। यहां के कागजात बनाने के लिए पचीस-पसीस हजार रूपए लिए गए। इसके बाद उन्हें ज्वाइनिंग के पूर्व दो-दो लाख रूपए जमा कराया गया।

जब ट्रेनिंग पूरा हो गया तो लोगों ने नौकरी मिलने के बारे मे जानकारी मांगा। इसी पर कंपनी के लोग सभी पर भड़क गए और उनलोगों को भगना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से किया। पुलिस नेपाल के रंजीत कापड़ के शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज किया। चार आरोपित को पकड़ जेल भेज दिया।
कार्रवाई होने में हुई देरी

पीड़ितों मे रंजीत कापड़, सुजन दुनगाना, हेमराज मल्ला, यशराम तमांड, भरत अधिकारी समेत अन्य युवक नेपाल, दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के लिए ट्रेन पकड़कर निकल गए। पीड़ितों ने बताया कि मकान सील की कार्रवाई पुलिस पहले दिन करती तो मकान मालिक भी पकड़ा जाता।मकान मालिक सोमवार को ताला तोड़कर फरार हुआ है। मकान मालिक आरोपितों के साथ मिले हैं। पीड़ितों ने बताया कि ठगी के शिकार होने के बाद वह न घर के रहे और न घाट के।

अब देखने वाली बात यह होगी कि बिना नाम के चल रही इस कंपनी के पीछे का मास्टरमाइंड कौन निकल कर सामने आता है? पुलिस को इसका पता लगाने के साथ ही साथ इस तरह की अन्य कंपनियों पर भी सख्ती करनी चाहिए।
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