deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे मुआवजा घोटाले में सामने आए 12 नाम, भूमि के राजस्व रिकॉर्ड में हुई हेराफेरी!

Chikheang Yesterday 12:06 views 573

  



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे मुआवजा घोटाले में 12 लोगों के नाम सामने आए हैं। सरोजनी नगर तहसील में तैनात तत्कालीन राजस्व अधिकारियों ने इन लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी की थी। राजस्व परिषद के आदेश के बाद लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी ने सोमवार से घोटाले की जांच शुरू कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके लिए सरोजनी नगर और सदर तहसील से रिकॉर्ड मांगा गया है। साथ ही तत्कालीन राजस्व अधिकारियों को एक-दो दिनों में नोटिस भी जारी किए जाने की तैयारी की जा रही है।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे परियोजना को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव ने 13 मई 2013 को एक्सप्रेसवे के लिए लखनऊ, मैनपुरी, इटावा, आगरा, फिरोजाबाद, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, उन्नाव व हरदोई के जिलाधिकारियों को उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।

लखनऊ के सरोसा-भरोसा गांव की भूमि के गाटा संख्या-तीन की 68 बीघा, 11 बिस्वा और 11 बिस्वांसी भूमि में से करीब दो बीघा भूमि पर अनुसूचित जाति के भाई लाल व बनवारी लाल को काबिज दिखा कर राजस्व अधिकारियों ने 1,09,86,415 रुपये का मुआवजा जारी कर दिया था।

तत्कालीन लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार और एसडीएम ने राजस्व रिकॉर्ड में कई लोगों को वर्ष 2007 से पहले से काबिज दिखा कर मुआवजा घोटाले को अंजाम दिया था। हालांकि राजस्व परिषद की जांच में घोटाले का राजफाश होने के बाद अब लखनऊ के जिलाधिकारी की जांच में तत्कालीन राजस्व अधिकारियों सहित 12 लोगों को शामिल किया जाएगा।

इनमें भाई लाल, बनवारी लाल, ज्ञानवती, विशुना देवी, कल्लू, जगदीश, दुलारे, शिवकुमार, जगदई, नन्द किशोर, विशाल व महाराजा के नाम शामिल हैं। वहीं उन्नाव में बांगरमऊ तहसील के कई किसानों से कम मुआवजा दिए जाने की शिकायत की थी, लेकिन उक्त शिकायत पर गौर नहीं किया गया।

यह है नियम, जिसका उठाया लाभ

जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम-1950 की धारा 122 बी (4 एफ) के अनुसार, अगर किसी जमीन पर अनुसूचित जाति का कोई व्यक्ति वर्ष 2007 से पहले से काबिज है, तो उसे हटाया नहीं जाएगा। इसके बजाय उसे पहले पांच वर्षों के लिए जमीन पर असंक्रमणीय भूमिधर अधिकार दिया जाएगा। उसके बाद उसे संक्रमणीय भूमिधर अधिकार मिलेगा।

कन्नौज में 12 वर्षों बाद भी नहीं हो सकी वसूली

कन्नौज में एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए तिर्वा और छिबरामऊ तहसील क्षेत्र की भूमि को लेकर हुए मुआवजा घोटाले की जांच के बाद आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कर नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन वसूली आज तक नहीं हो सकी है। यहां 146 लोगों को 5.86 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था। लाभार्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी और तब से मामला लटका हुआ है। डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने बताया कि जांच की जानकारी मिली है। आदेश होगा तो यहां भी जांच कराई जाएगी।
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
128266
Random