मानेसर तहसील का कार्यालय। फोटो सौजन्य- जागरण
जागरण संवाददाता, मानेसर। मानेसर तहसील में आयकर विभाग द्वारा किए गए सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है। तहसील में पिछले पांच साल में हुई रजिस्ट्रियों में पेन कार्ड नहीं लगाए गए हैं। नियमों के अनुसार 30 लाख रुपये से अधिक की रजिस्ट्रियों में क्रेता और विक्रेता को अपना पेन कार्ड लगाना पड़ता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके साथ ही इसकी सूचना भी आयकर विभाग को लिखित रूप में देनी पड़ती है। मानेसर में हुई रजिस्ट्रियों में न तो पेन कार्ड लगाया और न ही इसकी सूचना आयकर विभाग को दी। विभाग ने किए सर्वे में यह बात सामने आई है।
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आयकर विभाग ने दो साल पहले कादीपुर तहसील में और जून महीने में वजीराबाद उपतहसील में जांच की थी। करीब दस दिन तक हुए इस सर्वे में सामने आया कि मानेसर तहसील में पिछले पांच साल में करीब 28 सौ करोड़ रुपये की जमीन की रजिस्ट्री हुई है।
मानेसर तहसील लगातार चर्चा में रहती है। इससे पहले भी यहां कई बार रजिस्ट्रियों में खुलासे हुए हैं। मानेसर तहसील में ही 912 एकड़ जमीन का मामला भी आया था। पेन कार्ड नहीं लगाने के मामले के सामने आने के बाद तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया है।
इससे पहले भी मानेसर तहसील में हुई रजिस्ट्रियों की जांच जिला उपायुक्त द्वारा कराई गई थी। इसमें में भी कई गड़बडियां सामने आई थी। इनकी भी जांच की जा रही है। इस तरह की शिकायत अन्य तहसीलों में भी सामने आ चुकी है।
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