चार दिन रखा डिजीटल अरेस्ट, 93 हजार ट्रांसफर कराए।
जागरण संवाददाता, अमरोहा। साइबर अपराधियों ने पहले युवक के खाते में डालर भेजने का झांसा दिया तथा बाद में सीबीआइ की कार्रवाई का डर दिखा कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। चार दिन तक उसे धमकी देकर अपने खातों में 93 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राज उस समय खुला जब पीडित ने अपने दोस्त से 15 हजार रुपये उधार मांगे। दोस्त ने स्वजन को जानकारी दी। इस मामले में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
यह मामला कोतवाली क्षेत्र के गांव सहसपुर अलीनगर का है। यहां पर किसान बाबू हसन का परिवार रहता है। उनका छोटा बेटा हफीज-उर-रहमान स्वजन के साथ खेतीबाड़ी करता है। 26 अगस्त को हफीज के पास वाट्सअप पर अंजान नंबर से काल आई थी।
काल करने वाले ने हफीज से कहा था कि वह उनके खाते में कुछ डालर भेज रहे हैं। इसके लिए साइबर अपराधियों ने बैंक खाता नंबर मांगा। पहले तो हफीज ने उन्हें बैंक की पासबुक की फोटो खींच कर भेज दी।jammu-common-man-issues,stray dogs Jammu, dog menace Jammu, animal birth control program, dog bite cases Jammu, Jammu Municipal Corporation, stray dog attacks, dog sterilization program, public safety Jammu, street dogs India, dog vaccination program Jammu,Jammu and Kashmir news
उसके बाद साइबर अपराधियों के कहने पर कस्टम ड्यूटी के नाम पर पहले तीन हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। फिर 27 अगस्त को काल आई तथा धमकी देना शुरू कर दिया कि खाते में डालर मंगाने के आरोप में उनके विरुद्ध सीबीआइ की कार्रवाई होगी।
इस पर हफीज डर गया तथा उनके झांसे में आ गया। इस क्रम में 28 व 29 अगस्त तक आरोपित उसे कार्रवाई का डर दिखा कर खाते में पैसे में ट्रांसफर कराते रहे। 29 अगस्त की शाम तक साइबर अपराधियों ने हफीज से 93 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए।
किसी को बताने पर गिरफ्तारी की धमकी दी। बाद में और पैसे मांगे तो हफीज ने अपने एक दोस्त से 15 हजार रुपये उधार देने को कहा। शक होने पर दोस्त ने स्वजन को बताया।
हफीज के बड़े भाई मुजीब ने बताया कि वह चार दिन गुमसुम रहा था। जानकारी होने पर पूछताछ की तो उसने सारा घटनाक्रम बताया। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली है। |