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Sheohar News: जनवितरण प्रणाली के लिए सड़ा-गला अनाज आपूर्ति होने पर फूटा लोगों का गुस्सा

deltin33 The day before yesterday 00:07 views 691

  

अनाज के बोरे से कीड़ा निकलते देख ग्रामीण हुए आक्रोशित। फाइल फोटो  



संवाद सहयोगी. शिवहर। सरकार द्वारा गरीबों को मुफ्त अनाज तो उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन अनाज की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठ रहे है।

कई जन वितरण प्रणाली विक्रेताओं को सड़ा-गला अनाज आपूर्ति किया जा रहा है। इसके चलते डीलरों को उपभोक्ताओं के आक्रोश का शिकार बनना पड़ता है।

इसी क्रम में रविवार को घटिया अनाज देखकर कमरौली के ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया। ग्रामीणों के विरोध के चलते पैक्स अध्यक्ष द्वारा अनाज लदा ट्रैक्टर वापिस करना पड़ा।

दरअसल, रविवार को पिपराही प्रखंड के कमरौली के उपभोक्ता चाव-गेहूं कें लिए कमरौली पैक्स पहुंचे थे। इस दौरान एसएफसी से चावल-गेहूं लदा ट्रैक्टर पैक्स अध्यक्ष रवि वर्मा के गोदाम पर पहुंचा। जहां बोरे को उतारा कर खोला गया तो सड़ा-गला अनाज निकला। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बोरी से कीड़ा निकलते देख कर लोग आक्रोशित हो गए। वहीं सड़ांध को लेकर चालक व पलदार को अनाज उतारने से रोक दिया। नाराज निर्मला देवी, रितु देवी, विशेश्वर दास, रामचंद्र साह, सुभाष कुमार, सिकंदर पटेल, मरु साह, विक्की कुमार, अनिता, देवी, मनीषा कुमारी, मुन्नी देवी,राघो राय व वीणा देवी सहित ग्रामीणों ने ने हंगामा करना शुरू किया।

पैक्स अध्यक्ष ने कई बोरी की जांच की। सभी ने घटिया अनाज देखकर इसे वापिस करने का फैसला किया। साथ ही अनाज सहित ट्रैक्टर को एसएफसी गोदाम भेज दिया।

पैक्स अध्यक्ष रवि वर्मा ने भी माना कि अनाज सड़ा-गला था। साथ ही उसमें कीड़े लग गए थे। पैक्स अध्यक्ष ने बताया कि पंचायत के 350 लाभार्थियों के लिए 1057 किलो गेहूं तथा पांच हजार 688 किलोग्राम चावल का 50- 50 किलो का 134 बोरी भेजा गया था।

घटिया क्वालिटी का रहने के कारण आम जनता ने लेने से इन्कार कर दिया। बताया कि इतना घटिया चावल एवं गेहूं पहले कभी भी सप्लाई भी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से मामले की जांच कराने की मांग करेंगे।
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