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साइबर फ्रॉड हर्षित का चीनी हैकर से कनेक्शन उजागर; बांग्लादेश, वियतनाम और थाईलैंड में फैला रखा था नेटवर्क

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पकड़ा गया हर्षित कुमार और चाइनीज सिम बॉक्स। (जागरण)



राजीव कुमार, पूर्णिया। सुपौल के गौसपुर से गिरफ्तार साइबर ठग हर्षित कुमार के संबंध चीन के हैकरों सहित कई देशों से जुड़े रहने के कारण अब आर्थिक अपराध इकाई ने सिम बॉक्स से जुड़े मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके लिए आर्थिक अपराध इकाई ने सीबीआई को जांच का अनुरोध पत्र भेज दिया है। जल्द ही सीबीआई सिम बॉक्स से जुड़े सभी मामलों का प्रभार लेकर इसकी जांच अपने स्तर से शुरू करेगी।

सुपौल के गौसपुर के रहने वाले हर्षित ने साइबर फ्रॉड के लिए चीन जाकर वहां के हैकरों से साइबर फ्रॉड की ट्रेनिंग तक ली है। इसके अलावा नेपाल, बंगलादेश, थाइलैड व वियतनाम जैसे देशों में भी उसके कनेक्शन जुड़े होने की बात सामने आई है।

इसके अलावा हर्षित द्वारा चीन से साइबर फ्रॉड के लिए सिम बॉक्स लाए जाने की पुष्टि हुई है। आर्थिक अपराध इकाई ने छापेमारी के दौरान मेड इन चाइना सिम बॉक्स बरामद भी किया था। सूबे में सिम बॉक्स से साइबर फ्रॉड का पहला मामला 21 जुलाई 2025 को सामने आया था।

इसमें सुपौल के गौसपुर से आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इसके सरगना हर्षित को गिरफ्तार किया था। आर्थिक अपराध इकाई ने इस साइबर ठग को तब दबोचा था, तब बैशाली के आठ सेल प्वाइंट से खरीदे गये 231 मोबाइल नंबरों में से 149 नंबरों से 30 जून 2025 से दो जुलाई 2025 के बीच महज 48 घंटे में 51 हजार काल साइबर ठगी के लिए यहां से किया गया पाया था।

इसके पूर्व 21 जून 2025 से 23 जून 2025 के बीच भी इस साइबर ठग ने वैशाली से निर्गत 50 मोबाइल नबंरों से 10 हजार से अधिक काल साइबर फ्रॉड के लिए किया। आर्थिक अपराध इकाई ने जब हर्षित को पकड़ा था तो उसके पास आठ सिम बॉक्स में लगे 231 मोबाइल सिम के अलावा 294 नया एअरटेल का सिम के अलावा 800 उपयोग किया हुआ सिम बरामद किया था।
सूबे में तीन माह में पकड़े गए पांच फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज

सुपौल के गौसपुर में पहला मामला पकड़ में आया था। उसके बाद भोजपुर के नारायणपुर में भी पूछताछ के बाद फर्जी टेलीफोन ए्क्सचेंज सिम बॉक्स वाला मामला मिला था। इसके बाद साइबर ठगों ने ठगी के लिए बायसी के चरैया एवं यूपी के वाराणसी में भी फर्जी एक्सचेंज बना रखा था।

इसके लिए समस्तीपुर के रोसड़ा में बैठकर साइबर ठग लैपटाप से बायसी एवं बाराणसी के इन दो सिम बॉक्स एक्सचेंज को संचालित कर रहा था। इनके द्वारा अंतरराष्ट्रीय वीओआईपी काल को लोकल वाइस काल में परिवर्तित कर साइबर ठगी की जा रही थी।
पांच से अधिक देशों की यात्रा कर चुका है सुपौल का हर्षित

आर्थिक अपराध इकाई की जांच में सुुपौल के गौसपुर के रहने वाले हर्षित कुमार के पांच देशों की यात्रा करने के संबंध में भी अहम जानकारी हाथ लगी है। इन देशों में चीन, वियतनाम एवं थाइलैंड नेपाल एवं बंगलादेश शामिल है। इन देशों की यात्रा का मकसद साइबर फ्रॉड का नेटवर्क रहा है।

इसके अलावा साइबर ठगी से कमाई गयी अकूत संपत्ति का दस देशों में हर्षित द्वारा निवेश किए जाने की जानकारी भी सामने आई है। जांच में क्रिप्टो करेंसी के दो एक्सेचंज में हर्षित के दो खाते के संबंध में जानकारी मिली है, जिसमें अभी तक के मूल्यांकन में तीन करोड़ से अधिक की राशि होने की जानकारी मिली है।

21 वर्षीय हर्षित कुमार इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड है। वह फेसबुक एवं अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से चीन, वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड, जर्मनी, हांगकांग एवं अन्य देश के नागरिकों के संपर्क में आया और उनके टेलीग्राम ग्रुप में शामिल हो गया।

इसके बाद हर्षित ने वियतनाम से चार और चीन से चार सिम बॉक्स डिवाइस प्राप्त किया। इन सिम बॉक्स के माध्यम से इस गिरोह द्वारा एक समानांतर एक्सचेंज का संचालन किया जा रहा था।


सिम बॉक्स से ठगी मामले में चीन सहित कई देशों से तार जुड़ने के कारण इसकी जांच अब सीबीआई को सौपी जाएगी। जल्द ही इससे जुड़े सभी मामलों का जिम्मा सीबीआई लेते हुए इसका अनुसंधान शुरू करेगी। इसकी सूचना सीबीआई को भेज दी गयी है।
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- नैयर हसनैन खान, एडीजी, आर्थिक अपराध इकाई, पटना।
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