America Shutdown: बिना सैलरी के छुट्टी पर जाएंगे लाखों कर्मचारी, H-1B वीजा सहित किन-किन चीजों पर पड़ेगा असर?

cy520520 2025-10-2 07:14:27 views 960
  America Shutdown: किन-किन सेवाओं पर पड़ेगा असर?





डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकारी कामकाज ठप होने के कारण अमेरिका अनिश्चितता के एक नए दौर का सामना कर रहा है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस बुधवार की समय सीमा तक सरकारी कार्यक्रमों और सेवाओं को चालू रखने के लिए समझौता करने में विफल रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका ने अब तक का सबसे लंबा 35 दिनों का शटडाउन झेला था। यह बंद उनके द्वारा अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के लिए धन की मांग के कारण हुआ था, जिसे कांग्रेस ने देने से इन्कार कर दिया था।



2013 में बराक ओबामा के राष्ट्रपति काल में अफोर्डेबल केयर एक्ट, जिसे ओबामाकेयर भी कहा जाता है, को निरस्त करने और बदलने की रिपब्लिकन पार्टी की मांगों के कारण सरकारी कामकाज 16 दिनों के लिए ठप था।
आर्थिक गिरावट का असर पूरे देश में पड़ने की उम्मीद

व्हाइट हाउस की पूर्व बजट अधिकारी और वाशिगटन स्थित थिंक टैंक - बाइपार्टिसन पालिसी सेंटर में आर्थिक नीति की प्रबंध निदेशक रेचल स्नाइडरमैन ने कहा कि शटडाउन न केवल देश पर आर्थिक बोझ बढ़ाता है, बल्कि भय और भ्रम भी पैदा करता है। आर्थिक गिरावट का असर पूरे देश में पड़ने की उम्मीद है। कुछ ही दिनों में आर्थिक झटका महसूस किया जा सकता है।


शिक्षा, पर्यावरण और अन्य सेवाएं ठप पड़ जाएंगी

सरकार से शुक्रवार को अपनी मासिक रोजगार रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद है, जो पेश हो भी सकती है और नहीं भी। मौजूदा परिस्थिति में जहां एक ओर लाखों कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजे जाने की आशंका है, कुछ पर बर्खास्तगी की गाज भी गिर सकती है, वहीं दूसरी ओर कई आफिस संभवत: हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे। शिक्षा, पर्यावरण और अन्य सेवाएं ठप पड़ जाएंगी।



बहरहाल, शटडाउन से सरकार का पूरा कामकाज बंद नहीं होगा। सीमा सुरक्षा, अस्पताल में मेडिकल केयर, कानून प्रवर्तन और हवाई यातायात नियंत्रण जैसी जरूरी सेवाएं इस दौरान जारी रहेंगी।
क्या और क्यों होता है शटडाउन?

सरकारी शटडाउन तब होता है जब कांग्रेस संघीय एजेंसियों को चलाने के लिए वार्षिक व्यय विधेयकों पर सहमत नहीं हो पाती। एंटीडेफिशिएंस एक्ट एजेंसियों को बिना अनुमति के धन खर्च करने से रोकता है। परिणामस्वरूप सरकार का ज्यादातर काम भी बंद हो जाता है। अमेरिकी सरकार के अलग-अलग विभागों को चलाने के लिए भारी मात्रा में फंड की जरूरत होती है।



इसके लिए संसद (कांग्रेस) से बजट या फंडिंग बिल पारित कराना जरूरी होता है। लेकिन, जब राजनीतिक मतभेद या गतिरोध की वजह से तय समयसीमा में फंडिंग बिल पारित नहीं हो पाता तो सरकार के पास कानूनी रूप से खर्च करने के लिए फंड नहीं बचता। ऐसी स्थिति में अमेरिकी सरकार को अपनी गैर-जरूरी सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं, जिसे सरकारी शटडाउन कहा जाता है।

यह आमतौर पर अस्थायी होता है, लेकिन इस बार ट्रंप कई विभागों को स्थायी रूप से बंद करने और हजारों कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की तैयारी में हैं।


1981 से अब तक 16 बार हो चुका है शटडाउन

अमेरिका में 1981 से अब तक 16 बार शटडाउन हो चुका है। सबसे पहले नवंबर 1981 में शटडाउन दो दिनों के लिए शटडाउन हुआ। सितंबर 1982 में एक दिन के लिए, दिसंबर 1982 में तीन दिनों के लिए, नवंबर 1983 में तीन दिनों के लिए, सितंबर 1984 में दो दिनों के लिए, अक्टूबर 1984 में एक दिन, अक्टूबर 1986 में एक दिन, दिसंबर 1987 में एक दिन, अक्टूबर 1990 में तीन दिनों के लिए, नवंबर 1995 में पांच दिनों के लिए, दिसंबर 1995 में 21 दिनों के लिए, सितंबर 2013 में 16 दिनों के लिए, जनवरी 2018 में तीन दिनों के लिए, फरवरी 2018 में एक दिन और दिसंबर 2018 में 35 दिनों के लिए शटडाउन हुआ था।



(समाचार एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)

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