deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Dehradun: पुरटाड गांव में 30 वर्ष बाद मना बूढ़ी दिवाली का जश्न, 200 गांव में ढोल बाजे के साथ निकाली होलियात

cy520520 2025-11-22 03:37:50 views 746

  

पुरटाड में 30 वर्षों बाद बूढ़ी दीपावली का जश्न मनाया गया।



संवाद सूत्र, जागरण, त्यूणी : पुरटाड में 30 वर्षों बाद बूढ़ी दीपावली का जश्न मनाने को कई गांवों के लोग औंसा रात को ढोल बाजे के साथ होलियात लेकर शिरगुल महाराज के मंदिर में एकत्र हुए।
गुरुवार शाम 29 खतों से जुड़े दो सौ गांवों में ढोल बाजे के साथ होलियात निकाली गई। रात में चीड़ व विमल लकड़ी की मशालें लेकर घरों से निकले ग्रामीण लोकगीतों पर नाचते गाते हुए मंदिर प्रांगण व पंचायती आंगन में जमा हुए। पूरी रात नाच गाने का दौर चला। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

  

शिरगुल महाराज के प्रवास पर आने से पुरटाड गांव में तीन दशक बाद बूढ़ी दिवाली का जश्न मनाया जा रहा है। शिलगांव खत से जुड़े करीब 15 गांवों के लोग होलियात लेकर देवता के मंदिर में रात्रि जागरण के लिए एकत्र हुए। लोक मान्यता के अनुसार शिरगुल महाराज के यहां बूढ़ी दीपावली मनाने की परंपरा है।

  
शिव मंदिर लाखामंडल में ग्रामीणों ने किया सामूहिक लोक नृत्य

प्रमुख पर्यटन स्थल शिव मंदिर लाखामंडल में स्थानीय महिलाओं व पुरुषों ने सामूहिक लोक नृत्य से बिरुडी का परंपरागत जश्न मनाया। बिरुडी में अखरोट के साथ चिउड़ा मूडी की महक व तांदी नृत्य से सांस्कृतिक उल्लास देखते ही बना। बोंदूर खत के लोगों ने रात में होलियात निकालने के बाद शुक्रवार को बिरुडी मनाई।

शिव मंदिर में बिरुडी के दिन पांडवों व कौरवों के बीच सांकेतिक युद्ध को बाबोई घास से बनी रस्सी को खींचने के लिए लोग दो हिस्सों में बंट गए। दोनों ओर से जोर आजमाइश के बाद रस्सी को बीच से तोड़ने की परंपरा है। स्थानीय लोग स्वयं को पांडवों का वंशज मानकर इस परंपरा का सदियों से निर्वहन करते आ रहे हैं।

  

बूढ़ी दीपावली से पूर्व स्थानीय लोग जंगल से बाबोई घास काटकर उसकी रस्सी बनाते हैं। बिरुडी के दिन रस्सी को देवकुंड में जल चढ़ाने से पूजा अर्चना की जाती है। इस मौके पर शिव मंदिर समिति के अध्यक्ष सुशील गौड़, कोषाध्यक्ष बाबूराम शर्मा, स्याणा रजनेश पंवार, संदीप चौहान, महेंद्र चौहान, शांतिराम डोभाल, भागीराम डोभाल, जयलाल डोभाल, जगतराम शर्मा, राजाराम भट्ट, महिमानंद गौड़, सियाराम बहुगुणा, सुमित्रा शर्मा, उजला गौड़, झूलो देवी आदि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें- देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में बूढ़ी दीपावली की धूम, 29 खतों के पंचायती आंगन लोक नृत्य से गुलजार

यह भी पढ़ें- देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार में बूढ़ी दिवाली का शुभारंभ, लकड़ी की मशालें बनाकर मनाया जश्न

यह भी पढ़ें- पहाड़ों की रानी मसूरी में हर्षोल्लास के साथ मनायी गई बूढ़ी दिवाली, तांदी और रासौ नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
122282