कॉकरोच का महत्व: क्या होगा अगर वे विलुप्त हो गए?
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे आसपास कई तरह के कीड़े-मकौड़े देखने को मिल जाते हैं। इनमें से कुछ ऐसे होते हैं, जिनसे हमें ज्यादा कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें देखकर अक्सर लोगों की चीख निकल जाती है। कॉकरोज इन्हीं में से एक है, जो कई लोगों के लिए काफी घिनौना और डरावना होता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अक्सर हमारी रसोई या बाथरूम में इधर-उधर घूमने वाले कॉकरोज को देख कई लोग डर के मारे कांपने लगते हैं। यही वजह है कि लोग अक्सर इनसे दूरी बनाकर रखना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि ये घर ही नहीं, बल्कि दुनिया से ही गायब हो जाए। अगर आप यह आर्टिकल पढ़ रहे हैं और आप भी कॉकरोच को नापसंद करते हैं, तो इस बात से बिल्कुल सहमत होंगे कि कॉकरोज की दुनिया से भी गायब हो जाना चाहिए। हालांकि, ऐसा मुमकिन नहीं है और ऐसा होना हमारे लिए हानिकारक भी हो सकता है। आइए जानते हैं क्यों कॉकरोज का दुनिया से जाना हमारे लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है।
क्यों जरूरी है कॉकरोच?
कॉकरोच का हमारी दुनिया से विलुप्त होना हमारे इकोसिस्टम के लिए गंभीर संकट का कारण बन सकता है। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (PNAS) में छपी एक स्टडी में यह पता चलता है कि कॉकरोच में ब्लैटाबैक्टीरियम नामक बैक्टीरिया पाया जाता है, जो नाइट्रोजन को रिसाइकिल कर उसे जरूरी पोषक तत्वों में बदल देता है। यही वजह है कि कॉकरोच कठिन हालातों में भी खुद को जीवित रख पाते हैं और इस तरह इकोसिस्टम का बैलेंस बनाे रखते हैं, जो कि बाकी कोई कीड़े-मकौड़े नहीं कर पाते।
इसलिए जरूरी है कॉकरोच
यही वजह है कि कॉकरोच के बिना कई जरूरी नेचुरल प्रोसेस बाधित हो सकती है, जिससे मानव जीवन प्रभावित हो सकता है। अगर आपको यह लगता है कि कॉकरोच सिर्फ आपके घरों में रहते हैं, तो यह आपकी गलतफहमी है। दरअसल, कॉकरोच आपको घरों से ज्यादा जंगलों में पाए जाते हैं और यहां गिरे हुए पेड़ों, पत्तियों, सड़ी हुई लकड़ी और सड़ते पौधों को कुतरकर उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर छोटे कणों में बदल देते हैं।
ऐसे में अगर यह गायब हो जाते हैं, तो जंगल की जमीन कूड़े-कचरे से भर जाएगी, डिकम्पोजिशन धीमा हो जाएगा, मिट्टी की उर्वरता कम हो जाएगी और पेड़ कमजोर हो जाएंगे, जिससे पूरी फॉरेस्ट सिस्टम को नुकसान पहुंचेगा।
फूड चेन के लिए भी जरूरी
कई जानवर, छिपकलियां, मेंढक, पक्षी, छोटे स्तनधारी और कीड़े अपने खाने के लिए कॉकरोच पर निर्भर हैं। अगर कॉकरोच गायब हो जाते हैं, तो इन कीट-पतंगों को खाने की कमी का सामना करना पड़ेगा, जिससे खाने के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी और कई प्रजातियां भूख से मर जाएंगी।
हमारे लिए कैसे मददगार है कॉकरोच?
कॉकरोच के अंदर मौजूद ब्लैटाबैक्टीरियम एक नाइट्रोजन फैक्टरी की तरह काम करता है, जो कचरे को अमीनो एसिड और विटामिन में बदल देता है, जिससे एग्रीकल्चर इकोसिस्टम को मदद मिलती है। अगर कॉकरोच खत्म हो जाएंगे, तो इससे मिट्टी में नाइट्रोजन का लेवल कम हो जाएगा, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता खराब हो जाएगी और इसे बेहतर करने के लिए केमिकल वाले फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करना पड़ेगा, जिससे प्रदूषण भी बढ़ जाएगा।
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