पर्थ टेस्ट में पहले दिन गिरे 19 विकेट।
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का आगाज हो गया है। पर्थ में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के पहले दिन गेंदबाजों का कहर देखने को मिला। पहले मिचेल स्टार्क ने सात विकेट लेकर इंग्लैंड की पारी को तहस-नहस कर दिया। इसके बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने पांच विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की पारी को झकझोर कर रख दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम 172 रन बनाकर सिमट गई। हैरी ब्रूक ने 52 रन तो ओली पोप ने 46 रन की पारी पारी खेली। जेमी स्मिथ ने 33 रन का योगदान दिया। मिचेल स्टार्क ने 12.5 ओवर में 58 रन देकर 7 विकेट चटकाए। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने दिन का खेल समाप्त होने तक 9 विकेट के नुकसान पर 123 रन बना लिए हैं। नाथन लियोन 3 और ब्रेडन डॉगेट नाबाद लौटे।
पहले दिन गिरे कुल 19 विकेट
दिन के पहले सेशन में इंग्लैंड ने 50 रन बनाए और तीन विकेट गंवाए। लंच ब्रेक पर जाने से पहले इंग्लैंड ने मात्र एक विकेट गंवाया और स्कोर 100 के पार किया। इसके बाद विकेटों की झड़ी लगी। टी ब्रेक से पहले इंग्लैंड की पारी समाप्त हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने 1 विकेट के नुकसान पर 15 रन बनाए।
टी के बाद ड्रिंक्स ब्रेक तक ऑस्ट्रेलिया के चार बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे और स्कोर बोर्ड पर 53 रन लगे थे। इसके बाद दिन के खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने पांच और बल्लेबाजों का विकेट गंवा दिया। कुल मिलाकर पहले दिन दोनों टीमों का मिलाकर कुल 19 विकेट गिरे। तेज गेंदबाजों का दबदबा रहा। दोनों टीमों के तेज गेंदबाजों ने कुल 16 विकेट शेयर किए।
पर्थ स्टेडियम में पहले दिन गिरे सबसे ज्यादा विकेट-
ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड - 19 विकेट (2025)
ऑस्ट्रेलिया बनाम इंडिया- 17 विकेट (2024)
(2018-23) 15 विकेट, चार टेस्ट
एशेज के 100 के साल के इतिहास में पहले दिन गिरे सबसे ज्यादा विकेट-
19 विकेट- पर्थ स्टेडियम 2025 ( इंग्लैंड-10, ऑस्ट्रेलिया-9)
17 विकेट- ट्रेंट ब्रिज स्टेडियम- 2001 (इंग्लैंड-10, ऑस्ट्रेलिया-7)
17 विकेट- लॉर्ड्स- 2025 (ऑस्ट्रेलिया-10, इंग्लैंड-7)
मिचेल स्टार्क ने रचा इतिहास
मिचेल स्टार्क ने एशेज के इतिहास में 100 विकेट पूरे करने वाले 21वें गेंदबाज बने। साथ ही साल 1990-91 के बाद वह ऑस्ट्रेलिया में एशेज टेस्ट मैच के पहले दिन सात विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं। उनसे पहले ये काम 34 साल पहले क्रैग मैक्डरमोट ने किया था।
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