deltin33 • 2025-11-21 20:07:59 • views 99
दीपक प्रजापति, यमुनानगर। रोडवेज डिपो को परिवहन विभाग ने बीएस-6 मानक की 10 नई बसों की सौगात दी है। इन बसों के शामिल होने से जिले की अंतर-राज्यीय और लंबी दूरी की सेवाएं और तेज व सुचारू होंगी। रोडवेज अधिकारियों का मानना है कियह बेड़ा न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि वातावरण को भी राहत देगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नई बसें तकनीकी रूप से अधिक सक्षम हैं और इनका इंजन कम धुआं, कम शोर और बेहतर माइलेज प्रदान करता है। बतादें कि बीएस-6 माडल प्रदूषण को पुराने माडलों की तुलना में काफी कम करता है। इससे दिल्ली-एनसीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।
यमुनानगर डिपो में परिवहन सेवाओं को और मजबूत करने के लिए इस माह बीएस-6 तकनीक की 10 नई बसें रोडवेज बेड़े में शामिल किया गया है। डिपो की ओर से की गई मांग पर रोडवेज मुख्यालय ने इन्हें भेजा गया है। वर्तमान में यमुनानगर डिपो के पास 190 बसें में हैं। जिनमें से बीएस-6 की 50 के करीब बसें हैं। कुछ बसें जब अगस्त माह में डिपो को नई मिली थी तो उस बसों को एनसीआर में भेजा दिया गया था।
जबकि एनसीआर से करीब 27 बीएस-4 बसों को यमुनानगर डिपो में भेजा गया था। अब बेड़े में 10 और नई बसों के आने से लंबी दूरी के रूटों पर यात्रियों को राहत मिलेगी। नई बीएस-6 बसों का चेसिस नंबर पहले ही जारी हो चुका है और डिपो में कागजी कार्रवाई भी पूरी कर ली गई है। बसें भी आ चुकी हैं।
अब इन बसों को आरटीए में पास कराने की तैयारियों में रोडवेज के अधिकारी जुटे हुए हैं। आरटीए में बसों के पास होते ही इनकों रूट पर उतार दिया जाएगा। परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि बीएस-6 इंजन वाली ये बसें कम धुआं छोड़ती हैं, जिससे शहर में फैल रहे प्रदूषण के बीच थोड़ी राहत मिलेगी।
रोडवेज अधिकारियों का मानना है कि नई तकनीक से न सिर्फ ईंधन की बचत होगी बल्कि यात्रियों को सफर के दौरान कम शोर और स्मूथ राइड का अनुभव भी मिलेगा। डिपो प्रबंधन का कहना है कि नई बसों को अगले कुछ दिनों में रूटों पर उतार दिया जाएगा। इनमें बेहतर सीटिंग, अच्छी सस्पेंशन और सुरक्षा के नए मानक शामिल हैं। यात्रियों का भी कहना है कि अगर बसें समय पर चलें और संख्या बढ़े तो रोजमर्रा की यात्रा काफी आसान हो जाएगी।
ग्रामीण रूटों पर भी मिल पाएंगी बसें
रोडवेज की बसों में संख्या का इजाफा होने के कारण अब ग्रामीण रूटों पर भी फायदा होगा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई रूट ऐसे हैं जिन पर बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। अब नई बसों को लंबे रूटों पर लगाकर वहां से कुछ पुरानी बसों को को हटाकर समयानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा।
बेड़े में बसों के बढ़ने से रूटों पर बसों की उपलब्धता भी सुधरेगी, जिससे त्योहारों और भीड़भाड़ के समय यात्रियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। विभाग का दावा है कि यह पहल न केवल यातायात सेवा में सुधार करेगी, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल परिवहन की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। 10 बसों के आने से राहत मिलेगी। अब बेड़े में करीब 200 बसें हो गई है।
संजय रावल, जीएम रोडवेज यमुनानगर डिपो। |
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