deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

गोरखपुर मे शौचालयों की बदहाली पर उप निदेशक हुए सख्त, तलब की रिपोर्ट

deltin33 2025-11-21 16:09:14 views 211

  

उप निदेशक पंचायत हिमांशु शेखर ठाकुर। जागरण  



जागरण संवाददात, गोरखपुर। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत बने व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों की जिले में खराब स्थिति को उप निदेशक पंचायत हिमांशु शेखर ठाकुर ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने गोरखपुर ही नहीं बल्कि मंडल के सभी जिलों के डीपीआरओ को विशेष टीम बनाकर सामुदायिक शौचालयों का सत्यापन कराने और सभी खामियों को दूर करने का निर्देश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उन्होंने अपने पूर्व में दिए गए निर्देशों का भी हवाला देते हुए कहा कि अब इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तय करें कि सामुदायिक शौचालय समय से खुले और बंद हों। केयर टेकर को समय से भुगतान हो और सामुदायिक शौचालयों में सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हो । इसी तरह उन्होंने चार-पांच वर्ष पहले बने व्यक्तिगत शौचालयों की दुर्दशा का संज्ञान लेते हुए इसे जल्द दुरुस्त कराने का निर्देश दिया है।  

गोरखपुर में व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों की खराब स्थित की पड़ताल करते हुए दैनिक जागरण ने क्रमश: 19 और 20 नवंबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका संज्ञान लेते हुए उपनिदेशक (पंचायत), गोरखपुर मंडल ने दोनों श्रेणियों के शौचालयों को लेकर जिला पंचायतराज अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।

सामुदायिक शौचालयों के संबंध में जारी पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में बनाए गए शौचालयों के सुचारू संचालन के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों की एक सदस्य को केयरटेकर नियुक्त किया गया है, जिन्हें प्रति माह 6000 रुपये पारिश्रमिक और 3000 रुपये रख-रखाव मद में दिए जाते हैं। इसके बावजूद समाचार माध्यमों एवं निरीक्षण के दौरान जगह-जगह गंदगी, बंद शौचालय, पानी-बिजली की कमी और नियमित सफाई न होने की शिकायतें मिली हैं, जो “निंदनीय और चिंता का विषय” है।

उपनिदेशक ने मंडल के सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे तत्काल प्रभाव से एक निरीक्षण टीम गठित करें और अपने-अपने जनपदों में सभी सामुदायिक शौचालयों का स्थलीय सत्यापन सुनिश्चित करें। प्रत्येक शौचालय पर यूजर रजिस्टर रखना, समय से खुलना-बंद होना तथा केयरटेकर को मानदेय समय से देना अनिवार्य किया गया है। तीन दिनों के भीतर संपूर्ण कार्यवाही रिपोर्ट मांगी गई है।

इसके साथ ही व्यक्तिगत शौचालयों की बदहाली पर भी उपनिदेशक ने गहरी नाराजगी जताई है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत बड़ी संख्या में बनाए गए इन शौचालयों की रेट्रोफिटिंग के लिए पूर्व में 5000 रुपये तक की सीमा तय करते हुए मरम्मत कार्य के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए पोर्टल पर मानिटरिंग व्यवस्था भी की गई है।

बावजूद इसके कई ग्राम पंचायतों में दरवाजे गायब, फर्श और सीट टूटी हुई, छत टपकने तथा पाइपलाइन खराब मिलने जैसी शिकायतें सामने आई हैं। कई लाभार्थियों ने तो क्षतिग्रस्त शौचालयों का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया है।

इस स्थिति को “रेट्रोफिटिंग का कार्य सही तरीके से न होने” का स्पष्ट संकेत बताते हुए उपनिदेशक ने इस मामले में भी कड़े निर्देश जारी किए हैं। मंडल के सभी जनपदों से कहा गया है कि 15 दिनों के भीतर टीम बनाकर रेट्रोफिटिंग किए गए शौचालयों का लाभार्थीवार स्थलीय निरीक्षण कराया जाए और विस्तृत रिपोर्ट मिशन कार्यालय को भेजी जाए। साथ ही पोर्टल पर की गई फर्जी रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त सभी टूटे-फूटे और ध्वस्त व्यक्तिगत शौचालयों की मरम्मत तत्काल कराए जाने और तीन दिनों में प्रारंभिक कार्यवाही रिपोर्ट भेजने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
like (0)
deltin33administrator

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

deltin33

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

administrator

Credits
130609