deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट पर भूमाफियाओं की नजर, किसानों को 50% हिस्सेदारी का लालच देकर खड़े कराए सैकड़ों निर्माण

Chikheang 2025-11-21 02:07:48 views 390

  

प्रतीकात्मक तस्वीर।



मनोज कुमार शर्मा, जेवर। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के जेवर के 20 गांव में अधिगृहीत की जाने वाली लगभग 3288 हेक्टेयर जमीन पर अवैध निर्माण का गणित कई गुना अधिक मुनाफे का है। जमीन के मालिक किसान और उस पर निर्माण करने वाला माफिया दोनों को ही यह अकूत दौलत से जेब भरने का मौका है। इसलिए रातों रात एयरपोर्ट की अधिगृहीत जमीन पर ऐसे मकान खड़े हो रहे हैं, जिनमें न कोई रहने वाला है और न उनकी कोई मजूबती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
...तो अवैध निर्माण को हवा मिली

दरअसल, विस्थापन नीति के तहत मिलने वाले मुआवजे और प्लाॅट के लिए यह खेल सरेआम खेला जा रहा है। सैकड़ों अवैध निर्माण बनकर खड़े हो चुके हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है कि लगभग हर सप्ताह इलाके का दौरा करने वाले जिम्मेदारों की निगाहें इन पर समय से क्यों नहीं पड़ीं और निर्माण को रोकने या हो चुके निर्माण को तुरंत ध्वस्त करने की कार्रवाई क्यों नहीं हुई? जिम्मेदारों के इस लचर रवैये और सरकारी धन की बंदरबांट के लालच ने अवैध निर्माण को हवा दी।
ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे

स्थानीय लोगों की जमीन पर माफिया खुद के खर्च से अवैध निर्माण का खेल खेलकर मुआवजे में 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी का प्रलोभन देकर गठजोड़ बना। इसके चलते एयरपोर्ट की अधिसूचित जमीन पर सैकड़ों छोटे-बड़े अवैध निर्माण खड़े हो चुके हैं। इसकी बड़ी वजह माफिया को सफेदपोशों के अलावा अधिकारियों का भी संरक्षण बताया जाता है। जिम्मेदार अधिकारी ऐसे गठजोड़ के खिलाफ चाह कर भी ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
50-50 प्रतिशत के लाभ का दिया लालच

दरअसल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के दूसरे चरण के लिए जेवर के छह गांव की 1181 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। तीसरे चरण में जेवर के ही 14 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है लेकिन इस क्षेत्र में कुछ माफिया परियोजना में अनुचित लाभ हासिल करने की नियत से लगातार अवैध निर्माण कर रहे हैं। इसके लिए किसानों को बिना एक रुपया खर्च किए 50-50 प्रतिशत के लाभ का लालच दिया जा रहा है।
लगातार अवैध निर्माण होते जा रहे

किसान भी माफिया के चक्कर में आकर उनको निर्माण के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल की इजाजत दे रहे हैं। नियमों के मुताबिक, धारा 11 की अधिसूचना के बाद जमीन अधिग्रहण तक कलेक्टर की बिना अनुमति के निर्माण तो दूर उस जमीन का क्रय-विक्रय और स्वरूप में भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता। उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह के लगातार शिकायत दर्ज कराने, निर्माण सामग्री पर प्रतिबंध के बावजूद लगातार अवैध निर्माण होते जा रहे हैं।
टाउनशिप में प्लाॅट और दोगुना मुआवजे का लालच

माफिया विस्थापन का लाभ लेने के लिए अवैध निर्माण कर रहे है। दरअसल अधिगृहीत क्षेत्र में मौजूद भवन को विस्थापित करने के लिए प्रभावित व्यक्ति को निर्माण क्षेत्रफल का आधा और अधिकतम 500 मीटर का प्लाट विकसित होने वाली टाउनशिप में दिया जाता है। मकान की लागत का आंकलन कर उसका दो गुना मुआवजा प्रभावित परिवार को दिया जाता है। इसके अलावा साढ़े पांच लाख रुपये विस्थापित परिवार के मुखिया और उसके बालिग सदस्यों को मिलता है। साथ ही निर्माण के मलबे को ले जाने की भी अनुमति मिल जाती है।
विस्थापन नीति का उठा रहे गलत फायदा

दरअसल, ज्यादातर गांव के बाहरी क्षेत्र में कुछ किसान जमीन खरीदने के बाद काफी पुराने समय से मकान बनाकर रह रहे हैं। लेकिन जमीन उनके नाम पर नहीं है ऐसे में पात्रों को लाभ दिलाने के लिए विस्थापन नीति में बदलाव करते हुए नियम बनाया। इसके तहत कब्जे के आधार पर विस्थापन का लाभ दिया जाएगा न कि राजस्व रिकार्ड में जमीन के मालिक के आधार पर। इसी नियम का फायदा उठाते हुए बिना जमीन अपने नाम कराए बाहरी लोगों ने सैकड़ों अवैध निर्माण तैयार कर दिए हैं।
सैड़कों अवैध निर्माण हुए गांवों में

  • 150 अवैध निर्माण नंगला हुकम सिंह
  • 100 निर्माण नंगला जहानु में
  • रन्हेरा में करीब 100 निर्माण
  • बनबारी वास, थोरा, किशोरपुर, मुकीमपुर शिवारा, रामनेर, साबाैता, नीमका आदि गांव में भी पांच से छह सौ अवैध निर्माण हुए हैं।


यह भी पढ़ें- नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान की तारीख पर आज लग सकती है आखिरी मुहर, रनवे ट्रायल सफल; अब लाइसेंस की बारी
like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content