Gita Updesh In hindi (AI Generated Image)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। यह कहना गलत नहीं होगा, कि बचपन से ही व्यक्तित्व की नींव पड़ती है। ऐसे में यह जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों को अच्छी बातें सिखाई जाएं। आज हम आपको गीता के कुछ ऐसे श्लोक बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप अपने बच्चों को सिखा सकते हैं। यदि वह इनका अर्थ अपने जीवन में उतारते हैं, तो इससे उनके चरित्र पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
1. उद्धरेदात्मनाऽऽत्मानं नात्मानमवसादयेत्।
आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।।
इस श्लोक में बताया गया है कि व्यक्ति को खुद का उद्धार करना चाहिए, न कि नीचे नहीं गिराना चाहिए। यह श्लोक कहता है कि हम खुद ही अपने दोस्त बन सकते हैं और खुद ही अपना दुश्मन भी बन सकते हैं। ऐसे में अपने बच्चों को इस श्लोक का अर्थ जरूर समझाएं, जिसका भावार्थ यह है कि मन को नियंत्रित करके आप अपना उत्थान कर सकते हैं, और यदि मन अनियंत्रित हो जाए, तो यह आपके पतन का कारण बन सकता है।
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2. श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥
इस श्लोक का अर्थ है कि श्रद्धा रखने और अपनी इन्द्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्य, अपनी तत्परता से ज्ञान प्राप्त करते हैं। ज्ञान मिल जाने पर जल्द ही परम-शान्ति को प्राप्त कर लेते हैं। इसका भावार्थ है कि आत्म-संयम और ज्ञान के प्रति पूर्ण समर्पण ही शांति और ज्ञान प्राप्ति के लिए आवश्यक है।
3. चिन्तया जायते दुःखं नान्यथेहेति निश्चयी।
तया हीनः सुखी शान्तः सर्वत्र गलितस्पृहः॥
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इस श्लोक में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि चिंता से ही दुख उत्पन्न होता है, किसी अन्य कारण से नहीं। जो व्यक्ति इस बात को समझ लेता है वह हर चिंता से मुक्त हो जाता है। ऐसे में आपको अपने बच्चों को यह श्लोक जरूर पढ़ाना चाहिए।
4. ध्यायतो विषयान्पुंसः सङ्गस्तेषूपजायते।
सङ्गात्संजायते कामः कामात्क्रोधोऽभिजायते॥
इस श्लोक में कहा गया है कि हम जिस विषय-वस्तु के बारे में सोचते रहते हैं, हमें उससे लगाव हो जाता है। इससे उस वस्तु को पाने की इच्छा पैदा होती है और उसके पूरा न होने पर क्रोध आता है। इसलिए, मनुष्य को किसी भी चीज के अत्यधिक लगाव से बचना चाहिए। बच्चों को यह श्लोग जरूर पढ़ाएं, क्योंकि बच्चों में यह आदत खासकर पाई जाती है कि वह जल्दी ही किसी चीज से लगाव रखने लगते हैं और उनकी इच्छा पूरी न होने पर दुखी हो जाते हैं।
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