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जिस पत्थर से मिलता है हीरा, वह भी भारत मंडपम में प्रदर्शित; अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में खींच रहा दर्शकों का ध्यान

cy520520 2025-11-19 15:37:20 views 664

  




बाक्साइट खनिज और असम के गोलपारा में गिरा उल्का पिंड। जागरण



संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में एक से बढ़कर एक ऐसे अनेक आकर्षण हैं, जो मेला दर्शकों का ध्यान अनायास ही अपनी ओर खींच लेते हैं। ऐसा ही आकर्षण है वह पत्थर, जिससे से हीरा मिलता है यानी ‘किंबरलाइट’। वह भी यहां देखने को मिलेगा। इसके साथ साथ महाराष्ट्र के नागपुर जिले में वर्ष 2012 में और असम के गोलपारा में वर्ष 1868 में गिरा उल्कापिंड भी यहां प्रदर्शित किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

साथ ही गुजरात व केरल के समुद्र तल की गहराई में पाई जाने वाली रेत और लक्षद्वीप के समुद्र में मिले बहुधात्विक पिंड व पोरबंदर समुद्र से पाए जाने वाले चूना पत्थर को प्रदर्शित किया गया है। यह सब आप देख पाएंगे हॉल नं. पांच स्थित केंद्रीय खनिज मंत्रालय के मंडप में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) की स्टाल पर।

  

जीएसआइ निदेशक डॉक्टर प्रवीर पंकज ने बताया कि हम जीवन में रोजमर्रा की वस्तुओं में प्रयोग होने वाले खनिज से लेकर अत्याधुनिक सामानों में प्रयोग होने वाले खनिज को लेकर आए हैं जोकि मोबाइल बैटरी, सोलर पैनल, वाहनों सहित विभिन्न सामानों के निर्माण में इस्तेमाल किए जाते हैं। खास बात यह है कि यहां आसमान, धरती व समुद्र से मिलने वाले खनिजों को प्रदर्शित किया गया है।

राजस्थान, कश्मीर व कर्नाटक से मिलने वाला लिथियम देखा जा सकता है। तांबा, जस्ता, बाक्साइट, ग्रेफाइट व पौधों सहित कई प्रकार के जीवाश्म भी देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि आपको अंगूठियों या अन्य रत्नजड़ित आभूषणों का शौक है लेकिन वो असली हैं या नकली इसकी जानकारी नहीं है तो इसे भी आप जीएसआइ के स्टाल पर आकर जांच सकते हैं। वह भी बिल्कुल मुफ्त में। इसके अलावा इस मंडप में आप प्राकृतिक रूप से किस तरह मूल्यवान पत्थर प्राप्त होते हैं उसे भी देख सकते हैं।
चाय, जो सेहत को नुकसान नहीं, पहुंचाती फायदा

हॉल नं. छह में लगे खादी मंडप में खादी इंडिया के स्टाल पर ऐसी चाय उपलब्ध है, जो सेहत को नुकसान नहीं बल्कि लाभ पहुंचाती है। पांच फ्लेवर में उपलब्ण यह चाय कांगड़ा वैली ने तैयार की है। इसे पीने से जोड़ों के दर्द, पेट की गैस और मोटापा कम करने में भी मदद मिलती है। प्रति 100 ग्राम चाय की कीमत 195 से 325 रुपये रखी गई है।

इस पैक को भी पर्यावरण-अनुकूल और सुरुचिपूर्ण पैकेजिंग में रचनात्मक रूप से डिजाइन किया गया है। स्टाल पर कांगड़ा वैली हर्बल प्रोडक्ट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रवेश धवन ने कहा, यह नवाचार और सफलता खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार व उनके मिशन ‘वोकल फार लोकल’ की प्रेरणा और मार्गदर्शन से प्राप्त हुई है।
खनिज व कृषि शक्ति का अनूठा संगम

हॉल नं. दो स्थित झारखंड मंडप में खनन क्षेत्र की मजबूती एवं कृषि विविधता विशेषकर रागी जैसे पोषक अनाज के प्रभावी प्रदर्शन देखा जा सकता है। मंडप में राज्य के प्रमुख खनिज जैसे लौह अयस्क, कोयला, अभ्रक, तांबा, यूरेनियम, बाक्साइट, चूना पत्थर, सोना, ग्रेनाइट और पत्थर का विस्तृत प्रदर्शन किया गया है।

ये खनिज न केवल भारत की औद्योगिक वृद्धि की रीढ़ हैं, बल्कि ऊर्जा, आधारभूत संरचना, विनिर्माण और रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को गति प्रदान करते हैं। इस प्रदर्शनी के माध्यम से राज्य यह संदेश दे रहा है कि झारखंड का खनन क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और निवेश आकर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
हस्तनिर्मित परिधान भी किए जा रहे पसंद

बिहार के नालंदा जिले के नेपुरा गांव के विनीत राय अपने हस्तनिर्मित परिधानों के साथ आए हैं। उनके द्वारा बनाए गए जैकेट, साड़ियां, दुपट्टे और सिल्क बंडल (सिल्क थान) लोगों का विशेष ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। पूरी तरह हाथ से तैयार इन उत्पादों की कीमत 600 से लेकर 13,000 रुपये तक है। स्टाल पर आने वाले दर्शक विशेष रूप से उनकी नेहरू जैकेट को बेहद पसंद कर रहे हैं। विनीत राय ने बताया कि उन्हें उम्मीद से कहीं ज्यादा शानदार प्रतिक्रिया मिली है।

यह भी पढ़ें- आम जनता के लिए खोला गया अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को मिलेगा फ्री प्रवेश
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