जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में भाजपा की सरकार आने के बाद लगातार व्यापारी हितैषी निर्णय लिए जा रहे हैं। पहले एमसीडी ने फैक्ट्री लाइसेंस की एमसीडी से अनिवार्यता खत्म कर दी और अब जिन लोगों ने इस निर्णय से पहले आवेदन किया था, उनका पैसा भी वापस किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एमसीडी ने इसका आदेश निकाल दिया है। अब ऐसे नागरिक जिन्होंने फैक्ट्री लाइसेंस के लिए नई व्यवस्था लागू होने से पहले आवेदन कर दिया था, वे पैसा वापस लेने के लिए एमसीडी में आवेदन कर सकते हैं। एमसीडी आवेदन की जांच के बाद राशि वापस कर दी जाएगी।
महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार से लेकर, दिल्ली सरकार और निगम की भाजपा सरकार लोगों के हित के लिए लगातार निर्णय ले रही है। उन्होंने बताया कि 28 जुलाई को दिल्ली सरकार और निगम ने मिलकर निर्णय लिया था कि अब फैक्ट्री लाइसेंस के लिए लोगों को निगम के पास नहीं आना पड़ेगा।
इससे व्यापारियों को काफी लाभ हुआ, क्योंकि अब वह एमएसएमई द्वारा जारी फैक्ट्री संचालन के दस्तावेज के आधार पर ही फैक्ट्री का संचालन कर सकते हैं। जबकि पहले लोगों को निगम के पास आना पड़ता था। लाइसेंस लेने की प्रक्रिया जटिल हो जाती थी। जबकि अब ऐसा नहीं है।
व्यापारी अब फैक्ट्री लाइसेंस के लिए सिर्फ निगम को अपनी संपत्ति के सपत्तिकर का पांच प्रतिशत अतिरिक्त संपत्तिकर जमा कर देंगे उनका फैक्ट्री लाइसेंस मान्य माना जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस निर्णय से पहले बहुत से लोगों ने फैक्ट्री लाइसेंस की नई व्यवस्था लागू होने से पहले आवेदन कर दिया था। साथ ही फैक्ट्री लाइसेंस रिन्यू भी करा लिया था। क्योंकि अप्रैल से नए वित्त वर्ष में लाइसेंस बनने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में हमने निर्णय लिया है कि इन आवेदन करने वालों का जो पैसा निगम के पास आया है, उसे वापस किया जाए।
महापौर ने कहा कि ऐसे लोगों को निगम के क्षेत्रीय कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसमें अपने फैक्ट्री लाइसेंस के लिए किए गए आवेदन के दस्तावेज, जमा की राशि का रसीद, साथ ही वर्तमान वित्त वर्ष में संपत्तिकर जमा करने के साथ फैक्ट्री लाइसेंस के लिए अतिरिक्त जमा किए गए पांच प्रतिशत कर की रसीद लगानी होगी।
उन्होंने कहा कि सभी के दस्तावेज की जांच के बाद व्यापारियों का पैसा वापस कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 6907 फैक्ट्री लाइसेंस जारी हुए हैं। इसमें 1737 नए लाइसेंस हैं जबकि 5010 लाइसेंस रिन्यू हुए हैं। 154 लाइसेंस का संशोधन कराया गया है और छह लाइसेंस सरेंडर कर दिए गए हैं।
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