जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पूर्वी सीमा पार कर ओडिशा लाई गई एक नाबालिग बांग्लादेशी लड़की की तस्करी के मामले में भुवनेश्वर की अदालत में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विशेष अदालत में दाखिल इस चार्जशीट में आरोपियों पर नौकरी का लालच देकर लड़की को फंसाने और बाद में उसे अवैध देह व्यापार में धकेलकर पैसे कमाने का आरोप लगाया गया है।
एनआईए की जांच में पाया गया कि आरोपियों ने लड़की के परिवार की आर्थिक मजबूरी का फायदा उठाकर तस्करी की इस साजिश को अंजाम दिया। जांच के दौरान एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का भी खुलासा हुआ।
शुरुआत में, ओडिशा पुलिस ने इस मामले में POCSO कोर्ट में छह आरोपियों के खिलाफ दो चार्जशीट दाखिल की थीं। एनआईए ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर छापेमारी की और दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया।
इनके सोशल मीडिया अकाउंट और वित्तीय लेनदेन की जांच के बाद एजेंसी ने उनके दो अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया, एनआईए ने अपने बयान में कहा।
एजेंसी ने सभी 10 आरोपियों के खिलाफ BNS 2023, पोक्सो एक्ट 2012 और अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 की विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है।
एक अन्य मामले में भी एनआईए ने दाखिल की चार्जशीट
एक अन्य मामले में, एनआईए ने पाकिस्तान-आधारित ऑपरेटरों से जुड़े अंतरराज्यीय हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में मास्टरमाइंड के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
पिछले सप्ताह जयपुर स्थित NIA विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट में एजेंसी ने विशाल पचार को नामजद किया है और उसके खिलाफ यूए(P)ए, आर्म्स एक्ट, NDPS एक्ट और BNS की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपी पर राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सहित उत्तरी राज्यों में फैले हथियार और ड्रग्स तस्करी नेटवर्क के लिए प्रतिबंधित हथियार, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की खरीद, ढुलाई और वितरण का आरोप है।
NIA की जांच (RC-01/2025/NIA/JPR) के अनुसार, पाकिस्तान स्थित सहयोगियों ने आरोपियों को हथियार, गोला-बारूद और हेरोइन की सप्लाई में मदद की।
ये खेपें सीमा के नजदीकी इलाकों में हाई-पावर ड्रोन के जरिए गिराई जाती थीं, जिन्हें भारतीय पक्ष के गिरोह के सदस्य उठाकर आगे भेजते थे। गिरोह के सदस्य खुद को पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों से बचाने के लिए अवैध विदेशी हथियार भी जुटाते थे। |