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Pension: चिंता मत कीजिए, पेंशन के लिए देना है Alive Certificate, घर से आकर ले जाएगा Postmen

deltin33 2025-11-18 03:37:24 views 814

  

सांकेतिक तस्वीर।



बीरभान सिंह, मैनपुरी। नवंबर आते ही पेंशनर्स के सामने स्वयं को जीवित प्रमाणित करने की चिंता बढ़ जाती है। औपचारिकता पूर्ण करने को कई-कई बार बैंक और कोषागार तक की दौड़ करनी पड़ती है। समस्या निदान को डाक विभाग ने डाकिया को जिम्मेदारी दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

डिवाइस लेकर डाकिया नि:शक्त पेंशनर के घर जाएंगे और उनके जीवित होने का प्रमाण बायोमीट्रिक सिस्टम के माध्यम से संबंधित बैंक और पेंशन प्रदाता संस्था तक पहुंचाएंगे। घर बैठे मिलने वाली इस सुविधा के बदले पेंशनर को 70 रुपये का भुगतान करना होगा। प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पेंशनर वेबसाइट के माध्यम से अपना प्रमाणपत्र भी घर बैठकर ही डाउनलोड कर सकते हैं।

बुजुर्ग, निराश्रित अथवा असहाय पेंशनर के सामने बैंकों तक पहुंचकर जीवित प्रमाणपत्र जमा कराना सबसे बड़ी चुनौती होती है। डाक विभाग ने इस समस्या के निदान के लिए \“\“पोस्टइन्फो मोबाइल एप\“\“ जारी किया है। एप के माध्यम से कोई भी पेंशनर अपना अनुरोध डाक विभाग को भेज सकते हैं।

अनुरोध के आधार पर समीपवर्ती डाकघर से डाकिया घर पहुंचकर प्रक्रिया पूर्ण कराने की कार्यवाही करेंगे। मोबाइल फोन के ओटीपी और फिंगर प्रिंट स्कैनर (बायोमीट्रिक) की मदद से पेंशनर का आनलाइन सत्यापन किया जाएगा। प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पेंशनर को 70 रुपये का भुगतान करना होगा।

पूर्ण करनी होंगी ये औपचारिकता


  

पेंशनर को प्रक्रिया पूर्ण कराने के लिए पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) नंबर, पेंशन वितरण विभाग का विवरण, बैंक खाता संख्या, खाते से संबद्ध पंजीकृत मोबाइल नंबर और आधारकार्ड संबंधित जानकारी मौके पर ही उपलब्ध करानी होगी। आनलाइन फार्म में सभी औपचारिकता पूर्ण होने के बाद पेंशनर की जीवन प्रमाणपत्र से संबंधित प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी। पेंशनर चाहें तो समीपवर्ती डाकघर से अपना जीवन प्रमाणपत्र डाउनलोड करा सकते हैं अथवा एप्लीकेशन की मदद से स्वयं भी डाउनलोड कर सकते हैं।

अनुरोध के बाद ये हाेगी अनिवार्य प्रक्रिया



आनलाइन अनुरोध करने वाले पेंशनर के पंजीकृत माेबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा, जिसे घर पहुंचे डाकिया को बताना होगा। यह प्रक्रिया पेंशनर के सामने ही की जाएगी। ओटीपी डालने के बाद ही पेंशनर की कार्यवाही आगे बढ़ पाएगी।

मिट रहे उंगलियों के निशान तो आंखें बताएंगी सच्चाई



बैंकों में पेंशनर को जीवित होने का प्रमाण स्कैनर मशीन पर अंगूठा लगाकर अपना आधार सत्यापन कराकर देना होता है। उम्र के साथ अक्सर उंगलियों के निशान स्कैन होने में समस्या आती है। नवंबर माह में भीड़ होने के कारण कर्मचारी पेंशनर को अगले दिन आने की सलाह दे देते हैं। डाक विभाग ने इसके समाधान के लिए चेहरा प्रमाणीकरण की तकनीक को भी शामिल किया है। बायोमीट्रिक में उंगलियों का सत्यापन न होने पर डाकिया आंखों की स्कैनिंग करके पेंशनर का सत्यापन कर लेंगे।
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