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ट्रंप की बाजी पड़ी उल्टी, वीजा पर सख्ती के चलते अमेरिका में घटे विदेशी छात्र; एडमिशन में आई भारी कमी

deltin33 2025-11-18 01:01:56 views 601

  

ट्रंप की बाजी पड़ी उल्टी वीजा पर सख्ती के चलते अमेरिका में घटे विदेशी छात्र (फाइल फोटो)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के प्रशासन ने वीजा पर सख्त रुख अपना रखा है। इसका विदेशी छात्रों पर सीधा असर पड़ रहा है। नतीजन अमेरिकी कालेजों में विदेशी छात्रों के दाखिले में कमी आई है। यह बात एक ताजा सर्वे से निकलकर आई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशन एजुकेशन के सर्वे के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के दाखिले में पिछले वर्ष की तुलना में एक प्रतिशत की गिरावट आई है। जबकि अमेरिका में पहली बार आने वाले नए छात्रों की संख्या में 17 प्रतिशत की कमी आई है।
कोविड के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज

यह कोविड़-19 महामारी के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। शिकागो की डेपा यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय स्नातक छात्रों की संख्या लगभग 62 प्रतिशत गिर गई है। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष ने छात्र वीजा की समस्याओं और अमेरिका में पढ़ने के प्रति घटती रुचि को इसका कारण बताया है।

सर्वे के मुताबिक, कुल मिलाकर करीब 60 प्रतिशत कालेजों ने नए विदेशी छात्रों की संख्या में गिरावट की जानकारी दी है। 30 प्रतिशत ने बढ़ोतरी की बात कही है। जबकि कुछ ने दाखिले में स्थिरता की सूचना दी है। सर्वे में 800 से अधिक कालेजों ने हिस्सा लिया।
ट्रंप प्रशासन का यह है रुख

ट्रंप प्रशासन अमेरिका की विदेशी छात्रों पर निर्भरता को कम करना चाहता है। इसी प्रयास में व्हाइट हाउस विश्वविद्यालयों और कालेजों को विदेशी छात्रों के दाखिले को सीमित करने और अमेरिका से अधिक छात्रों को नामांकित करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

गत जून में अमेरिकी विदेश विभाग ने वीजा आवेदनों की गहन जांच के लिए सभी इंटरव्यू को अस्थायी रूप से रोक दिया था। इससे भारतीय सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, क्योंकि अमेरिका के विदेशी छात्रों में भारतीयों की बड़ी संख्या है।
कई कॉलेजों के बजट पर असर

अमेरिका में विदेशी छात्रों के नामांकन में कमी का असर कालेजों के बजट पर देखने को मिल रहा है। कई कालेजों ने मास्टर और पीएचडी छात्रों की संख्या में कमी की जानकारी दी है।

हाल ही में अल्बानी यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष ने कहा कि विदेशी स्नातक छात्रों की संख्या में कमी का कालेज के बजट पर असर पड़ रहा है। जबकि ओहायो की केंट स्टेट यूनिवर्सिटी को बजट में 40 लाख डालर की कटौती करनी पड़ी है। उसने यह कदम विदेशी छात्रों की संख्या में कमी के चलते उठाया है।

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