दोनों संगठन मिलकर सरकार के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, ताकि लद्दाख के लोगों के हितों की रक्षा हो सके। फाइल फोटो।
- गृह मंत्रालय का सौंपा राज्य दर्जे, छठी अनुसूची पर बातचीत का लिखित प्रस्ताव
राज्य ब्यूरो, जागरण
हिंसक प्रदर्शनों का सामना कर चुके लद्दाख को राज्य बनाने, नौकरियों, भूमि अधिकार संरक्षित करने जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार से उम्मीदें लगाने वाले क्षेत्र के संगठनों ने बातचीत को लेकर अपना लिखित प्रस्ताव गृह मंत्रालय का सौंप दिया है।
लद्दाखियों की जनउम्मीदों के बारे में सोमवार को गृह मंत्रालय को लिखित में प्रस्ताव भेजने के बाद अब दिल्ली में हाई वापर कमेटी की बैठक के लिए लेह अपेक्स बाडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का इंतजार शुरू हो गया है। गृह मंत्रालय बातचीत की तिथि के लिए मुख्य मुद्दों पर लिखित प्रस्ताव मिलने का इंतजार कर रहा था। ऐसे में अब कभी भी बैठक की तिथि की ााघोषणा हो सकती है।
गृह मंत्रालय की सब कमेटी ने गत माह लद्दाख के संगठनों की हुई बैठक में लद्दाख के मुद्दों पर दस दिन के अंदर बैठक करने का फैसला किया था। लेकिन लद्दाख के मुख्य मुद्दों पर बातचीत संबंधी लिखित प्रस्ताव तैयार करने में अधिक समय लगने से बैठक में कुछ देरी हुई है। गत सप्ताह अपेक्स बाडी व केडीए ने अपने अपने प्रस्तावों पर चर्चा करने के बाद गृह मंत्रालय को सौंपने के लिए एक संयुक्त प्रस्ताव बनाया था। इसमें राज्य दर्जे, छठी अनुसूची के साथ 24 सितंबर के हिंसक प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किए गए युवाओं को माफी देकर रिहा करने का मुद्दा भी शामिल थे।
सोमवार को लेह में संवाददाता सम्मेलन काे संबोधित करते हुए लेह अपेक्स बाडी के सह अध्यक्ष छेरिंग दोरजे ने बताया कि गृह मंत्रालय को बातचीत के लिए प्रस्ताव सौंप दिया गया है। उन्होंनें कहा कि सौंपा गया प्रस्ताव लद्दाख के लोगों की सामूहिक आकांक्षाओं व मांगों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों से विभिन्न स्तरों पर बातचीत हो रही थी। इसके आधार पर यह विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है।
दोरजे ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए विचार करते हुए वार्ता के अगले दौर की शुरुआत जल्द करेगी। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लिए आवश्यक संवैधानिक गारंटियों व सुरक्षा उपायों को लेकर लोगों की अपेक्षाओं को इस ड्राफ्ट में स्पष्ट रूप से शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय को सौंपे गए 29 पेज के प्रस्ताव में राज्य दर्जे व छठी अनुसूची के साथ 24 सितंबर के प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किए गए युवाओं को माफ करने पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्साें में कई बाद हथियार उठाने वालों का भी सरेंडर करने के बाद माफी दी गई है। ऐसे में लेह में गिरफ्तार किए गए लोगों को माफी देकर छोड़ना चाहिए। उनमें गिरफ्तार किए गए सोनम वांगचुक भी शामिल हैं।
इस वर्ष करीब पांच महीने के गतिरोध के बाद गृह मंत्रालय की टीम के साथ लद्दाख के संगठनों की बातचीत दिल्ली में 22 अक्टूबर को शुरू हुई थी। दिल्ली में बैठकों में राज्य दर्जे, छठी अनुसूची जैसे मुद्दों को महत्व न मिलने से नाराज लद्दाख के संगठनों ने बातचीत से इंकार कर दिया था। इसके बाद संगठन धरने, प्रदर्शन की राजनीति पर उतर आए व 24 सितंबर के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था। हिंसक प्रदर्शन में माैतों के मामले में न्यायिक जांच की घोषणा के बाद बातचीत को लेकर गतिरोध समाप्त हो गया था। अब जल्द होने जा रही बैठक में छठी अनुसूची, राज्य दर्जे पर बात हो सकती है।
-- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -- -
विवेक सिंह
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |