राम मंदिर --प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रवीण तिवारी, जागरण, अयोध्या : राम मंदिर के मुख्य शिखर पर फहराए जाने से पहले यज्ञ मंडप में पांच दिवसीय अनुष्ठान होगा। इस अनुष्ठान के साथ ही धर्म ध्वजा काे रामलला के सामने रखकर पूजन किया जाएगा।
यज्ञ मंडप के पूजन की केंद्रीयकृत व्यवस्था होगी, यहीं से वाचित मंत्रों से राम मंदिर व अन्य मंदिरों में पूजन का क्रम आगे बढ़ेगा। सूत्र बताते हैं कि धर्मध्वजा के पूजन पद्धित को लेकर अयोध्या व काशी के वैदिक विद्वानों में विमर्श चल रहा है। इसके पूजन का प्रारूप तैयार किया जा रहा है, जो 21 नवंबर से पूर्व सार्वजनिक किया जा सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एक ट्रस्टी ने बताया कि पीएम के ध्वज फहराने से पहले इसका पूजन किया जाएगा। पूजन मेंं भगवान राम की अर्चना तो होगी ही, इसके साथ ही पंचोपचार (रोली, चावल, पुष्प, धूप-दीप व नैवेद्य) से ध्वज का पूजन किया जाएगा। जब ध्वजा फहराई जाएगी तो वैदिक आचार्य स्वस्तिवाचन करते रहेंगे। मंगल वाद्य बजते रहेंगे। ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारी ने बताया कि धर्मध्वजा का विधिवत पूजन होगा और 25 नवंबर को इसे शिखर पर प्रधानमंत्री फहराएंगे।
प्रत्येक देवी-देवताओं के मंदिर के लिए होंगे एक-एक दंपती यजमान
मुख्य यजमान को लेकर दो नामों ट्रस्टी डा. अनिल कुमार मिश्र व ट्रस्टी कृष्ण मोहन के नाम पर विमर्श चल रहा है। इसके अलावा सप्तमंडप व परकोटे में स्थित देव मंदिरों में अलग-अलग वर्ग के यजमान दंपती मौजूद रहेंगे। एक वैदिक आचार्य ने बताया कि सरयू तट पर मुख्य यजमान के प्रायश्चित पूजन से अनुष्ठान की शुरुआत होगी। यजमान ही कलश में जल भरकर यज्ञ मंडप लाएगा। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं कलश में जल लेकर मंदिर तक पहुचेंगी। 21 नवंबर को यज्ञ मंडप की वेदी का पूजन मुख्य यजमान करेंगे। यहीं से धर्मध्वजा की पूजा होती रहेगी। परिसर के दोनों यज्ञ मंडप सजाए जा रहे हैं। |