अमेरिकी मंत्री ने बताया US का आगे का प्लान (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने संकेत दिया है कि फरवरी 2026 से पहले एच-1बी वीजा नियमों में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल सकते हैं। उसी दौरान एक लाख डालर वीजा फीस का नियम भी अमल में आएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि देश में सस्ते टेक कंसल्टेंट के आने और अपने परिवार को लाने का विचार ठीक नहीं है। हम इस परंपरा को खत्म करेंगे। अमेरिकी मीडिया न्यूज नेशन को दिए इंटरव्यू में लुटनिक ने कहा कि एच-1बी वीजा की नियमावली और प्रक्रिया फरवरी 2026 से प्रभाव में आएगी, इसलिए मेरा अनुमान है कि तब तक महत्वपूर्ण बदलाव भी नजर आएंगे।
एक लाख डालर की वीजा फीस से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे देश में सस्ते श्रम की धारणा टूटेगी। आगे गंभीरतापूर्वक सोचा विचारा गया बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि 74 प्रतिशत एच-1बी वीजा टेक कंसल्टेंट को मिलते हैं। क्या ये वीजा केवल टेक कंसल्टेंट के लिए ही है। हम चाहते हैं कि देश में शिक्षाविद और डाक्टर भी आएं, जबकि उनके लिए केवल चार प्रतिशत एच-1बी वीजा ही अधिकृत हैं। लुटनिक ने कहा कि कंपनियों को अगर इंजीनियर रखने हैं तो ऊंची कीमत चुकानी होगी।₹1,9 Crore Fraud Case,Supreme Court Order,Delhi Judicial Academy Training,Additional Metropolitan Magistrate,Sessions Judge,Bail Order Errors,Netcity Systems Private Limited,Justice Amanullah,Delhi High Court,Financial Fraud
खत्म होगा लॉटरी सिस्टम
लुटनिक ने कहा कि नए नियमों में लाटरी व्यवस्था को लेकर सबसे बड़ा बदलाव दिखेगा। अब तक एच-1बी वीजा लाटरी सिस्टम के जरिये जारी होते रहे हैं। हम इसे खत्म करने पर विचार कर रहे हैं। किसी देश में कुशल कामगारों को बुलाने का ये तरीका विचित्र है। उन्होंने दो बड़ी टेक कंपनियों के प्रमुखों की बात भी रखी, जिन्होंने इस व्यवस्था को हास्यास्पद बताया था। लुटनिक ने कहा कि 1990 से चली आ रही एच-1बी वीजा प्रक्रिया में बदलाव पर आम सहमति है। उन्होंने कहा कि समय के साथ इस प्रक्रिया में गिरावट आई है, इसलिए एच-1बी लाटरी व्यवस्था को फिक्स करने की जरूरत है।
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