deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Chandrayaan-4: 2028 में लॉन्च होगा चंद्रयान-4, ISRO चीफ ने बताया क्यों है इतना खास?

cy520520 2025-11-17 04:07:23 views 588

  

इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन। (फाइल)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-4 का प्रक्षेपण वर्ष 2028 में होगा, जबकि भारत का पहला मानव अंतरिक्ष यान साल 2027 में ही निर्धारित है।

चंद्रयान-4 चंद्रमा से नमूने वापस लाने का प्रयास करेगा और यह भारत का अब तक का सबसे जटिल चंद्र अभियान होगा। वर्तमान में केवल अमेरिका, रूस और चीन ने ही ऐसी क्षमता का प्रदर्शन किया है। इस वित्तीय वर्ष में सात अन्य प्रक्षेपणों की योजना के साथ इसरो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग क्षमता में तेजी से विस्तार के चरण की तैयारी कर रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मिशन लूपेक्स में होगा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पानी से बने बर्फ का अध्ययन

एक साक्षात्कार में नारायणन ने कहा कि इसरो चालू वित्तीय वर्ष के अंत से पहले सात और प्रक्षेपणों का लक्ष्य बना रहा है, जिसमें एक वाणिज्यिक संचार उपग्रह और कई पीएसएलवी तथा जीएसएलवी मिशन शामिल हैं। पूरी तरह से भारतीय उद्योग द्वारा निर्मित पहले पीएसएलवी का प्रक्षेपण एक मील का पत्थर होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन को मंजूरी दे दी है और हम इसके लिए 2028 का ही लक्ष्य रख रहे हैं।\“\“

एक अन्य प्रमुख मिशन लूपेक्स है जिसका उद्देश्य जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पानी से बने बर्फ का अध्ययन करना है। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का काम वर्ष 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य तय नारायणन ने कहा कि मिशन की बढ़ती मांग के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए इसरो अगले तीन वर्षों में अपने वार्षिक अंतरिक्ष यान उत्पादन को तिगुना करने पर भी काम कर रहा है।

इसरो ने एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन पर काम शुरू कर दिया है, जिसे 2035 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, \“\“पांच माड्यूल में से पहला 2028 तक कक्षा में स्थापित कर दिया जाएगा।\“\“ इस प्रयास से भारत अंतरिक्ष स्टेशन संचालित करने वाला तीसरा प्रमुख देश बन जाएगा। अमेरिका के नेतृत्व वाला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अपने अंतिम चरण में है और चीन का \“तियांगोंग\“ पूरी तरह से चालू हो गया है।

भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहली उड़ान से पहले तीन मानवरहित परीक्षण भारत के पहले मानव-अंतरिक्ष उड़ान मिशन \“गगनयान\“ के बारे में नारायणन ने स्पष्ट किया कि केवल मानवरहित मिशनों की समय-सीमा बदली है। उन्होंने कहा, \“\“मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मानवरहित मिशन 2025 के लिए लक्षित था। मानवयुक्त मिशन की योजना हमेशा 2027 के लिए बनाई गई थी, और हम उस तिथि पर अडिग हैं।\“\“

भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पहली उड़ान से पहले तीन मानवरहित परीक्षण मिशन होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसरो को 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्र सतह पर भेजने और उन्हें सुरक्षित वापस लाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है। अमेरिका आर्टेमिस के तहत चालक दल के साथ चंद्र मिशन की योजना बना रहा है, जबकि चीन ने 2030 तक अपनी पहली मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग का लक्ष्य रखा है।

भारत की स्पेस इकानमी वर्ष 2033 तक 44 अरब डालर तक बढ़ने का अनुमान नारायणन ने कहा कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी वर्तमान में लगभग दो प्रतिशत है, और इसरो इसे 2030 तक आठ प्रतिशत तक बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।

भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था वर्तमान में लगभग 8.2 अरब डालर की है और 2033 तक इसके 44 अरब डालर तक बढ़ने का अनुमान है, जबकि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था वर्तमान में लगभग 630 अरब डालर है और 2035 तक यह 1.8 ट्रिलियन डालर तक पहुंच सकती है।

अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों ने निजी भागीदारी में भी तेजी से वृद्धि की है। भारत के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में अब 450 से अधिक उद्योग और 330 स्टार्टअप सक्रिय हैं। कुछ साल पहले केवल तीन स्टार्टअप की तुलना में यह एक बड़ी वृद्धि है।

(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments

Explore interesting content

cy520520

He hasn't introduced himself yet.

310K

Threads

0

Posts

1110K

Credits

Forum Veteran

Credits
112035