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8th Pay Commission: ये कैसा मुद्दा पेंशन को लेकर है गर्माया? यह 7वें वेतन आयोग के प्रस्ताव से कितना अलग

deltin33 2025-11-17 02:08:14 views 1004

  

8वीं केंद्रीय वेतन आयोग की हालिया अधिसूचना ने काफी चर्चा छेड़ दी है।



नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वीं केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) की हालिया अधिसूचना ने काफी चर्चा छेड़ दी है। वित्त मंत्रालय के 3 नवंबर 2025 को जारी इस अधिसूचना पर आरोप लग रहे हैं कि इसमें केंद्रीय सरकारी पेंशनभोगियों और परिवार पेंशनभोगियों को आयोग के दायरे से बाहर रखा गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

एक कर्मचारी संघ ने तो वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर इस कथित चूक पर आपत्ति जताई है, जिसमें कहा गया कि पेंशन संशोधन पेंशनभोगियों का अधिकार है।
आइए समझते हैं कि 8वीं CPC की अधिसूचना में पेंशन और पेंशनभोगियों के बारे में क्या कहा गया है और क्या नहीं और यह 7वीं CPC की अधिसूचना से कैसे अलग है।
8वीं CPC अधिसूचना में पेंशन पर क्या कहा और क्या नहीं

3 नवंबर 2025 को जारी 8वीं वेतन आयोग की अधिसूचना में मौजूदा केंद्रीय सरकारी पेंशनभोगियों और परिवार पेंशनभोगियों को दी जा रही पेंशन की समीक्षा का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। कर्मचारी संगठनों ने आरोप लगाया है कि सरकार 69 लाख पेंशनभोगियों को आयोग के दायरे से बाहर करने की तैयारी में है। इन आरोपों के बीच, स्टाफ बॉडी ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।

हालांकि, अधिसूचना में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत पेंशन से जुड़े कुछ मुद्दों की समीक्षा का जिम्मा आयोग को सौंपा गया है, जिसमें एकीकृत पेंशन योजना (UPS) भी शामिल है। इनमें मुख्य रूप से NPS (समेत UPS) में आने वाले कर्मचारियों के मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की समीक्षा और सिफारिशें करना शामिल हैं।

NPS (समेत UPS) में न आने वाले कर्मचारियों के मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और पेंशन की समीक्षा और सिफारिशें करना। यानी, फोकस मुख्य रूप से ग्रेच्युटी और NPS से जुड़े पहलुओं पर है, न कि पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत मौजूदा पेंशनभोगियों की पेंशन संशोधन पर है।
7वीं CPC से पेंशन मुद्दे पर क्या अंतर

7वीं वेतन आयोग की अधिसूचना वित्त मंत्रालय द्वारा 28 फरवरी 2014 को जारी की गई थी। 8वीं CPC के विपरीत, 7वीं CPC की अधिसूचना में स्पष्ट रूप से पेंशन आयोग को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों की संरचना नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की जांच करने का निर्देश दिया गया था।

इसमें उन कर्मचारियों की पेंशन संशोधन की समीक्षा भी शामिल थी, जो 7वीं CPC के कार्यान्वयन से पहले सेवानिवृत्त हो चुके थे। यह रखते हुए कि 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारी नई पेंशन योजना (NPS) के दायरे में आते हैं।

अधिसूचना में कहा गया था कि, “पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों की संरचना नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की जांच करना, जिसमें इन सिफारिशों की प्रभावी तिथि से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की पेंशन संशोधन भी शामिल है, यह ध्यान में रखते हुए कि 01.01.2004 को या उसके बाद नियुक्त सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति लाभ नई पेंशन योजना (NPS) के तहत आते हैं।“

इस तरह, 7वीं CPC में पुरानी पेंशन व्यवस्था वाले पेंशनभोगियों की पेंशन संशोधन पर सीधा जोर था, जबकि 8वीं CPC की अधिसूचना में यह स्पष्ट रूप से अनुपस्थित है। यही वजह है कि कर्मचारी संगठन इसे पेंशनभोगियों के साथ अन्याय मान रहे हैं।

अब देखना यह है कि आयोग अपनी रिपोर्ट में इन मुद्दों को कैसे संबोधित करता है और सरकार क्या कदम उठाती है। पेंशनभोगी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, और यह अधिसूचना उनकी चिंताओं को और बढ़ा सकती है।

यह भी पढ़ें: 8th Pay Commission 2028 में हुआ लागू तो मिलेगा 2 साल का एरियर? पढ़ें क्या है ताजा अपडेट
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