स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में अवैध पाया गया था जनता अस्पताल। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, शोहरतगढ़। तहसील क्षेत्र में अवैध अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। स्वास्थ्य विभाग जिन अस्पतालों को अवैध पाकर नोटिस देकर बंद कराता है, वही अस्पताल दोबारा अल्ट्रासाउंड, जांच और यहां तक कि सर्जरी भी कर रहे हैं। इनकी लापरवाही का गंभीर खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ताजा मामला चिल्हिया थाना क्षेत्र के गौहनिया स्थित जनता अस्पताल फैक्चर सेंटर का है, जहां गुर्दे की पथरी का दूरबीन विधि से आपरेशन किया गया और सर्जरी के दौरान युवती की पेशाब नली की नस कट गई। अस्पताल संचालक ने यह गंभीर स्थिति स्वजन से छिपाए रखी। वर्तमान में युवती लखनऊ में जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रही है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
जोगिया थाना क्षेत्र के पारा नानकार निवासी अभिनाश ने बताया कि उनकी बहन मीनाक्षी उर्फ तुलसी देवी पेट दर्द से पीड़ित थीं। जनता अस्पताल पहुंचने पर संचालक ने अल्ट्रासाउंड कराया और पथरी बताकर तुरंत सर्जरी की सलाह दी। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त 2025 को दूरबीन विधि से सर्जरी कर दी गई। इसके बाद पीड़िता की हालत लगातार बिगड़ती गई।
हर बार पूछने पर संचालक एक सप्ताह में ठीक होने की बात कहकर उन्हें गुमराह करता रहा। स्थिति गंभीर होने पर उसे गोरखपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां काफी धन खर्च हो गया लेकिन लाभ नहीं मिला। अंततः लखनऊ ले जाने पर चिकित्सकों ने बताया कि सर्जरी के दौरान पेशाब नली की नस कट चुकी है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि फर्जी अस्पताल चलाकर संचालक ने स्वयं को सर्जन बताकर ठगी और लापरवाही की।
अवैध संचालन पर पहले भी जारी हो चुका है नोटिस
गौहनिया स्थित जनता अस्पताल पर 21 जून को सीएचसी अधीक्षक और तहसीलदार की टीम ने छापेमारी की थी। छापेमारी में अस्पताल का संचालन अवैध पाया गया था और नोटिस देकर तत्काल बंद करने का निर्देश दिया गया था। टीम को वहां कोई योग्य चिकित्सक नहीं मिला, जबकि एक रोगी भर्ती था। अधीक्षक ने उसे जल्द से जल्द सीएचसी शोहरतगढ़ या मेडिकल कालेज रेफर करने का निर्देश दिया था।
पीड़िता ने दी तहरीर, कार्रवाई नहीं
पीड़िता के भाई अविनाश ने शुक्रवार को चिल्हिया थाने में तहरीर दी, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
गौहनिया का जनता अस्पताल नोटिस देकर बंद कराया गया था। संचालक द्वारा अब तक कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं कराया गया है। उसने अवैध रूप से सर्जरी कैसे की, इसकी जांच कराई जाएगी।
एके आजाद, सीएचसी अधीक्षक |