जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सुनाया आदेश।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कोरोना काल में लापरवाही बरतने पर डायग्नोस्टिक लैब अतुल्य हेल्थकेयर को कड़ी फटकार लगाई है। आयोग ने लैब को एक मरीज की गलत कोविड रिपोर्ट देने पर 25 हजार रुपये हर्जाना भरने का फैसला सुनाया है। यह फैसला पंचकूला निवासी रजनी थरेजा की शिकायत पर सुनाया गया है। रजनी को मसूरी जाना था और उससे पहले उन्होंने लैब से कोविड टेस्ट करवाया था। उनकी रिपोर्ट तो निगेटिव आई, लेकिन लैब ने गलती से आईसीएमआर पोर्टल पर कोविड पॉजीटिव की रिपोर्ट अपलोड कर दी। इस कारण रजनी को काफी परेशानियों का सामना करना। इसलिए उन्होंने लैब के खिलाफ आयोग को शिकायत दी। मामले के अनुसार, रजनी थरेजा ने 13 दिसंबर 2020 को मसूरी जाना था। उन्होंने जाने से पहले अतुल्य हेल्थकेयर में आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया। रिपोर्ट में उन्हें कोविड-19 नेगेटिव बताया गया, लेकिन अगले दिन शाम को उनके पति के पास चंडीगढ़ और पंचकूला के डीसी कार्यालयों से लगातार फोन आए कि आईसीएमआर पोर्टल पर उनकी रिपोर्ट कोविड पॉजीटिव अपलोड की गई है।
होटल ने कमरा देने से किया इन्कार शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि मसूरी यात्रा के दौरान गलत रिपोर्ट का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। सहयात्रियों ने उनसे दूरी बना ली और यहां तक कि होटल प्रबंधन ने भी उन्हें वहां ठहराने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह शिक्षा संस्थान चलाती हैं और इस घटना ने उनकी सामाजिक तथा व्यावसायिक छवि को नुकसान पहुंचाया। मानसिक पीड़ा और आर्थिक हानि को देखते हुए उन्होंने आयोग से मुआवजे की मांग की।
लैब की दलील—\“कर्मचारी से गलती हुई, तुरंत सुधार किया\“ सुनवाई के दौरान अतुल्य हेल्थकेयर ने स्वीकार किया कि रिपोर्ट निगेटिव थी, लेकिन स्टाफ की \“क्लेरिकल मिस्टेक\“ के कारण रिपोर्ट पॉजीटिव दर्ज हो गई। लैब ने दावा किया कि अगले दिन आईसीएमआर को ईमेल भेजकर गलती सुधार दी गई और शिकायतकर्ता को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई। हालांकि, लैब की ओर से ऐसा कोई प्रमाण या दस्तावेज आयोग के समक्ष पेश नहीं किया गया। इसलिए आयोग ने लैब को सेवा में लापरवाही का दोषी करार दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |