जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। जल प्रदूषण को लेकर भी हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त हो रहा है। शहर की ड्रेनों में बिना ट्रीट किए दूषित पानी छोड़ने पर छह कंपनियों के साथ ही डीएमआरसी को भी नोटिस दिया गया है। बहादुरगढ़ में मेट्रो यार्ड बना है और यहीं पर मेट्रो की रिहायशी कालोनी भी है। यहां के दूषित पानी की निकासी मुंगेशपुर ड्रेन में सीधी की गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विगत में संयुक्त टीम ने बहादुरगढ़ में ड्रेनों का निरीक्षण किया था। इसमें काफी जगहों पर सीवर और नालों की सीधी निकासी ड्रेन के अंदर मिली थी। फैक्ट्रियों का दूषित पानी भी इसी तरह से बिना साफ किए ही इस ड्रेन में डाला जा रहा है। आगे जाकर यह पानी यमुना में मिल जाता है। ड्रेन में दूषित पानी न जाए, इसीलिए यह कवायद चल रही है।
विगत में मुंगेशपुर ड्रेन में सीधे डाले गए कई सीवर कनेक्शन काटे गए थे। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से ड्रेन में सीधे ही दूषित पानी डालने वाली 6 कंपनियों को नोटिस जारी किए। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन को भी रिहायशी कालोनी का दूषित पानी न डालने और दूसरा इंतजाम करने के लिए नोटिस दिया गया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा का कहना है कि कायदे से तो ड्रेन के अंदर बिना ट्रीट किए सीवर या नालों का पानी नहीं डाला जा सकता। जहां-जहां पर ऐसा हो रहा है उसको रोकने के लिए विभाग जुटा है। नोटिस के बाद भी अगर नियमों का उल्लंघन होता है और तय अवधि के अंदर व्यवस्था नहीं होती है तो फिर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
एक्यूआई का स्तर 300 पर आया
इस बीच एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) का स्तर शनिवार को 300 माइक्रोग्राम के स्तर पर आ गया। जबकि शुक्रवार को यह 388 के लेवल पर था। सीपीसीबी की ओर से जारी बुलेटिन में शनिवार को एक्यूआई का औसतन स्तर 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ। दो दिन पहले यह 466 था।
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश या फिर तेज हवा की स्थिति में ही प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है। एक्यूआई का फिलहाल जो लेवल है, उसमें हवा बेहद गंभीर स्थिति में है। सड़कों पर पानी का छिड़काव जारी है। दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-3 लागू है और कई तरह की गतिविधियों पर पाबंदियां हैं।
पिछले पांच दिनाें का एक्यूआई का स्तर
- 11 नवंबर 421
12 नवंबर 332
13 नवंबर 466
14 नवंबर 388
15 नवंबर 300
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